अपनेपन की महक 🌸

अपनेपन की महक 🌸

सोमेश ने घर में घुसते ही सभी को आवाज लगाई, “चलो सभी, सुगंधा (सोमेश की पत्नी), राहुल (बेटा), रिया (बेटी), जल्दी इधर आ जाओ।” 🏠 “नए घर का नक्शा बनकर आ गया है। जिसको जो भी चेंज कराने हो, अभी बता देना। एक बार नक्शा फाइनल हो गया, तो फिर कुछ नहीं हो सकता।” 📐

सोमेश अपने पुराने घर को फिर से तुड़वाकर नए अंदाज में नया घर बनवाना चाहता था, क्योंकि घर काफी पुराना हो गया था और मरम्मत मांग रहा था। और बच्चे भी बड़े हो रहे थे, तो उनके हिसाब से भी घर को सेट कर आना था। 🔨🏚️

सुगंधा ने रसोई से आवाज लगाई, “आप तीनों देखिए, मैं अभी दस मिनट में आती हूं।” 🍲 राहुल और रिया बहुत खुश थे अपने बड़े-बड़े कमरों के नक्शे को देखकर, चहक रहे थे। 🎉 रिया ने कहा, “पापा, मुझे यहां स्टडी टेबल लगवाना है।” 📚 तो राहुल ने कहा, “मुझे म्यूजिक सिस्टम के लिए बड़ी जगह चाहिए।” 🎵 इसी तरह दोनों अपनी फरमाइशें अपने पापा को बताने लगे। 😊

पुराने घर में पांच कमरे थे, जिनकी जगह अब नक्शे में चार बड़े कमरे थे। उस नक्शे में, एक कमरा सोमेश-सुगंधा का, एक रिया का, एक राहुल का, और एक गेस्ट रूम। 🛏️

इतने में ही सुगंधा आती है और नक्शा देखती है। सोमेश और बच्चों से कहती है, “इसमें एक सदस्य का कमरा तो है ही नहीं।” 😲 सभी उसकी तरफ आश्चर्य से देखते हैं। बच्चों ने कहा, “किसका कमरा नहीं है मां?” 🤔

सुगंधा ने कहा, “तुम्हारी मंजुला बुआ भी तो इस घर की सदस्य हैं। मां-बाबूजी के बाद उन्हें ऐसा कतई नहीं लगना चाहिए कि वह इस घर की सदस्य नहीं हैं।” 👵❤️

“पर मां, गेस्ट रूम तो है ना बुआ के लिए,” रिया ने कहा। 🏡

सुगंधा बोली, “क्या तुम चाहोगी कि शादी के बाद तुम्हें भी इस घर में गेस्ट समझा जाए? बेटियां कभी पराई नहीं होतीं। उन्हें शादी के बाद भी इतना ही अपनापन और सम्मान मिलना चाहिए, जितना कि शादी से पहले।” 🌸💖

इतना सुनकर सभी चुप हो गए… 😶

सोमेश ने सभी की चुप्पी तोड़ते हुए कहा, “तुम्हारी मां सही कहती है। बुआ भी इसी घर की सदस्य हैं, और हमें रिश्तों का सम्मान करना चाहिए।” 🤝

फिर क्या था, सभी ने नए सिरे से अपने कमरे थोड़े छोटे-छोटे कर बुआ के कमरे की भी जगह निकाल ली। और साथ ही बुआ के कमरे के साथ एक छोटे से, प्यारे से पूजा घर की भी जगह निकाल ली, जो ठीक मां-बाबूजी के कमरे की जगह पर ही था। 🕉️🙏

कुछ समय बाद, घर के मुहूर्त पर जब बुआ घर आईं, तो सबसे ज्यादा खुश आज मंजुला बुआ ही थीं। क्योंकि आज भी उन्हें इस घर में अपनेपन की महक जो आ रही थी, और अपने कमरे से जुड़े पूजा घर में उन्हें मां-बाबूजी के होने का एहसास आज भी हो रहा था। 🌼👵🕉️

जो औरत मर्द की बाहों
में खुल के बिखरती है
वही औरत अच्छे
से निखरती है

याद की हिचकी हमारे दिल को ऐसी आई है
शहर-ए-जाँ का आज मौसम भीना भीना हो गया
A hiccup of memory has touched our hearts so deep,
The weather of the city of love has turned gentle and sweet.

अनुराधा की उम्र 26 साल की हो चुकी है। उसके परिवार ने उसके लिए लड़के भी देखने शुरू कर दिए हैं।लड़के जब भी देखते हैं उसके पापा तो अपने परिवार में जरूर बताते हैं और उनसे राय जरूर लेते हैं।

सबसे ज्यादा राय तो वह अपने भाई यानी अनुराधा के चाचा जी की जरूर लेते हैं। परिवार का मानना है की अनुराधा के चाचा को दुनिया का ज्यादा अनुभव है। वह फोटो देख कर ही पहचान लंगे की व्यक्ति कैसा है।

अनुराधा के पापा जब भी उसके लिए कोई फोटो भेजते हैं तो उसके चाचा कोई ना कोई कमी निकाल ही देते हैं। बस अपनी समझदारी का लोहा मंनवाने के लिए और अपना रुतबा बढ़ाने के लिए वह हमेशा कहीं ना कहीं से कमी ढूंढ ही लाते हैं।

अनुराधा एक कंपनी में काम करती है और एक दिन वह अपने साथ अनुराग को घर ले आती है। अनुराग और अनुराधा एक दूसरे को 2 सालों से डेट कर रहे हैं। बातों ही बातों में अनुराग अनुराधा के पापा से उसका हाथ मांग लेता है।

अनुराधा के पापा कहते हैं घरवालों को भी बताना होगा। अनुराधा बीच में ही टोकते हुए कहती है बाकी सबका तो ठीक है पर चाचाजी का क्या करेंगे। इस पर अनुराग पूछता है क्यों चाचा जी बहुत सख्त है क्या, वह प्रेम विवाह में विश्वास नहीं रखते।

तब अनुराधा के पिता कहते हैं नहीं ऐसी बात नहीं है। कहते हैं अनुराधाु के चाचा उससे कुछ ज्यादा ही प्यार करते हैं। तो अपनी समझदारी का कुछ ज्यादा ही प्रयोग कर लेते हैं और हर लड़के में कमी निकाल देते हैं।

तो इस पर अनुराग कहता है तो पापा जी भेज दीजिए मेरी फोटो भी । देखते हैं क्या कहते हैं चाचा जी। अनुराधा मना करने लग जाती है। अनुराग कहता है फोटो तो भेजने दो देखते हैं फिर।

अनुराधा के चाचा जी के पास जब फोटो पहुंचती है तो वह हंसने लग जाते हैं। दरअसल वह फोटो अनुराग के बचपन की होती है।

अनुराधा के पापा कहते हैं भाई कैसा लगा दामाद?? अनुराधा के चाचा जी कहते हैं इस बार तो हीरा ही ढूंढ लिया भाईसाहब आपने और सब के आशीर्वाद से अनुराधा की आखिरकार शादी हो जाती है।

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