“आत्मा का मिलन”
शादी के 2 साल बाद एक रात डिनर खाते रमेश ने महसूस किया आज खाना बडा बेस्वाद बना है नमक कम तो मिर्च ज्यादा ,सब्जियां अध कच्ची पक्की
आखिर आज सीमा को हुआ क्या..?
सामने बैठकर खाती सीमा भी समझ चुकी थी आज खाना कैसा बना है …!
मन मे डर था आज जरूर रमेश गुस्सा होगा ;भला बुरा कहेगा ,मगर चुपचाप उठी और किचन मे लगी बर्तेनो को साफ करके जमाने की तभी पीछे से आकर बाहों मे भर लिया ओर पलट कर माथे को चूमकर बोला – i love you..Seema.Rani…
सीमा हैरान रह गई रमेश के इस बर्ताव पर..ओर बोली- रमेश माफ करना आज वो…मगर तुम बजाय गुस्सा होने के ये प्यार… ऐसा क्यों…?
रमेश -जानती हो ..!
आज तुमने मुझे अपनी शादी के पहले वाले दिन याद दिला दिए .. कैसे उन दिनो तुम्हें ठीक से खाना नही बनाना आता था तो मुझे लगा उन्हीं दिनो की तरह तुम्हें नई दुल्हन जैसा ट्रीट किया जाए इसीलिए तुम्हें प्यार किया और चूमा ..सीमा हम दोनो एक दूसरे के साझेदार है खुशियों मे भी तो गम मे भी एक दूसरे की कमियों को पूरा करते रहना यही तो असली प्यार है पति पत्नियों का ..
अच्छा अब बताओ अपनी परेशानी ..!
सीमा- रमेश हमने भाग कर शादी की थी जिससे पापा तुमसे बडे नाराज थे बहुत भला बुरा कह कर रिश्ते खत्म कर लिए थे आज पता चला वो अस्पताल मे भर्ती है …
कह कर रो पडी ,
रमेश-पगली ये तुम अब बता रही अभी चलो देखने उन्हें ,
सीमा -मगर उन्होंने तुम्हारी बेइज्जती की थी …!!

ऐसे समय मे ये सब नही सोचा करते वो हमारे बडे है कुछ कह भी दिया तो क्या हुआ ..?
चलो जल्दी करो क्या पता कैसी जरूरत हो
मैं कुछ पैसे निकालता हूं
दोनों तुरंत अस्पताल को चल दिए..