आम नीम की छांव
आम नीम की छांव में बानी।
खुश बानीं हम गांव में बानी।
शुद्ध हवा बा साफ बा पानी।
मिश्री घोरल सबकर बानी ।
चार कोस ले सबसे परिचय,
के बा राजा के हऽ रानी।
सरिसो के फूलवा मुसुकाला,
पायल बनि के पांव में बानीं।
खुश बानीं हम गांव में बानी।
गांव एक परिवार बुझाला।
सुख-दुख में सब साथ हो जाला।
लोग इकट्ठा होला सगरो,
जब कतहुंँ दुख दर्द सुनाला।
लाख अभाव बुझाला तबहूँ,
सरग नियन हम ठाँव में बानी।
खुश बानीं हम गांव में बानी।
बाग बगीचा भरल दुपहरी।
सभे मिले ला गांव की बहरी।
अलग रंग के अपनापन हऽ
शाम-सबेरे जमें कचहरी।
आपन माटी आपन थाती,
अपनापन की नाँव में बानी।
खुश बानीं हम गांव में बानी।
