एक बेरोजगार की प्रेम कहानी…
दीपक की जेब मे 100 रुपये थे और भूमि पहली बार उससे मिलने आ रही थी…
फोन पर उससे वादा किया था कि साथ मे लंच करेंगे, आइसक्रीम खाएंगे और मूवी देखेंगे…
दीपक लाईब्रेरी में बैठा पढ़ रहा था तभी भूमि का मैसेज आया…
कहाँ हो…?
लाइब्रेरी में हूँ…उसने रिप्लाई किया।
मैं आ गयी… गाँधी पार्क में बैठी हूँ, तुम्हारा वेट कर रही हूं…
दीपक ने रिप्लाई किया… अभी आया।
लाइब्रेरी से निकलते टाइम अच्छी तरह मुंह ढककर वो गांधी पार्क की तरफ निकल गया…
वहाँ जाकर देखा तो एक बेंच पर कपड़े से मुंह लपेटे एक कन्या बैठी थी।
दीपक ने उसके पास जाकर कहा….चलें…?
वो भड़क गई बोली कौन है तू हरामजादे, तेरे घर मे मां बहन नहीं है क्या…?
उसका भड़कना जायज भी था क्योंकि वो भूमि नहीं थी…🤣🤣
तभी भूमि वहाँ पर आई और उस कन्या से माफी मांगी तब जाकर मामला शांत हुआ…
अब दोनों पार्क से बाहर आये…भूमि दीपक की हालत पर हँस रही थी…
भूमि ने कहा बहुत जोर से भूख लगी है पहले लंच कर लेते हैं… फिर मूवी देख लेंगे..!
दीपक ने भी हां में हाँ मिलाई और बोला चलो आज तुम्हें यहाँ का सबसे बेस्ट खाना खिलाता हूँ।
थोड़ी ही देर में दोनो होटल मोती पैलेस के सामने थे।
क्योंकि उसके सामने अन्नपूर्णा रसोई थी…
भूमि मोती पैलेस की तरफ जाने लगी तो दीपक बोला अरे इधर नहीं ये तो सबसे बेकार है (क्योंकि यहां मिनिमम 400 रुपये से खाना शुरू होता है और अपनी जेब मे मात्र 100 रुपये हैं)
दीपक उसे अन्नपूर्णा रसोई में ले गया।
जहाँ उन्होंने 16 रुपये में दोनों ने खाना खाया साथ मे 20 रुपये की छाछ ले ली।
भूमि को दीपक थोड़ा अजीब लगा…
ऐसे कौन पहली बार ही किसी लड़की को अन्नपूर्णा में खाना खिलाने लेकर जाता है…
फिर बारी आई आइसक्रीम की तो बाहर निकलते ही कुल्फी की रेहड़ी दिख गयी…
दीपक ने उसे आवाज लगाई … एक पांच रुपये वाली और एक दस रुपये वाली कुल्फी ले ली… 5 वाली खुद खाने लगा और 10 वाली भूमि को खिला दी…
अब बारी थी मूवी देखने की तो मार्केट में पेन ड्राइव वगेरह में गाने भरने वाली सबसे फेमस दुकान पर गया और वहाँ जाकर भूमि से पूछा बताओ कौनसी मूवी देखनी है…?
भूमि बोली, रांझणा…
दीपक ने निकाला 20 रुपये का नोट और बोला भैया मोबाइल में रांझणा मूवी डाल दो… और हाँ HD क्वालिटी में डालना….
दुकान वाले ने मूवी डाल दी…
भूमि हँस रही थी, उसकी इन हरकतों पर…
दीपक 5 रुपये वाले 4 पैकेट पॉपकॉर्न के ले आया…
अब दीपक और भूमि दोनों ने गाँधी पार्क में बैठकर मूवी देखने लगे…
मूवी देखते देखते दीपक ने भूमि से कहा, और कोई ख्वाहिश हो तो बता दो…
भूमि बोलना तो बहुत कुछ चाहती थी लेकिन चुप रही…
फिर दीपक ने कहा, देखो मैं मानता हूं कि फिलहाल मैं बेरोजगार हूँ लेकिन मैं मेहनत कर रहा हूँ और मुझे विश्वास है कि मैं एक दिन सरकारी नौकरी जरूर लगूँगा… उस दिन ही मैं तुम्हारे घरवालों से तुम्हारा हाथ मांगने आऊंगा… क्या तब तुम मुझसे शादी करोगी…?
भूमि ने हँसते हुए कहा- अगर तुम सरकारी नौकरी नही भी लगे तब भी मैं तुमसे ही शादी करूंगी क्योंकि मुझे तुम्हारा मैनेजमेंट मुझे बहुत पसन्द आया… तुमने जब खाने की पेमेंट करने के लिए जेब से पर्स निकाला था मैंने तब ही देख लिया था कि तुम्हारे पास केवल 100 रुपये ही हैं। हालांकि कुछ पैसे मेरे पास थे लेकिन मैं चुप इसलिए रही क्योंकि मैं ये देखना चाहती थी कि तुम इन 100 रुपयों में वो सब वादे कैसे पूरे करते हो जो तुमने मुझसे किये थे। अगर तुम केवल मुझे इम्प्रेस करने के लिए उधार लेते तो शायद मुझे बुरा लगता लेकिन तुमने उतने में ही मुझे खुश रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी…
तो मिस्टर दीपक क्या तुम मुझसे शादी करोगे…?
दीपक हँसते हुए बोला जरूर…
इस बात पर कुछ मीठा हो जाये… 5 रुपये वाली डेयरी मिल्क खरीद कर मुँह मीठा भी कर लिया…
अब भी उसके पास 3 रुपये बच गए…😜😜
मैंने एक जाट से पूछा,
मैंने एक जाट से पूछा,”चौधरी साहब बच्चे क्या कर रहे हैं..?”
चौधरी – सब बच्चे IAS, IPS, IFS, की तैयारी में जी जान सें लगे हुए हैं।
फिर एक मुसलमान से पूछा कि बच्चे क्या कर रहे है?
वो बोले एक डॉक्टर है,
दूसरा नीट की तैयारी कर रहा है।
फिर एक मारवाडी भाई से पूछा कि बच्चे क्या करते है?
वो बोला एक मेरे बिसनेस को आगे बढा रहा है और दूसरा C.A.कर रहा है।
फिर सिख भाई से पूछा
उसने कहा एक फ़ौज में है दूसरा ट्रकटर कंपनी में मॅनेजर है।
फिर दलित भाई से पूछा
तो उसने कहा एक पोलीस मे दरोगा हुआ हैं, दुसरा UPSC की तैयारी कर रहा है, तीसरा भी इस साल पटवारी वाली नौकरी तो निकाल ही देगा।
फिर मैंने एक ब्राह्मण भाई से पूछा कि बच्चे क्या करते है?
उन्होंने कहा सुबह 10-11 बजे आराम से सोकर उठते हैं, नाश्ता-वाश्ता करके तैयार होते हैं और बाईक में पेट्रोल और जेब खर्च को 50-100/-₹ अपनी मम्मी सें लेकर दोस्तों से मिलने निकल जाते हैं। फिर दोपहर मे खाना खाते ही टी.वी देखते / सोते हैं 5 बजे उठकर क्रिकेट, वॉलीबॉल वगैरह खेलते हैं, शाम को चाय की दुकान पर बैठते हैं, गुटका-पान मसाले के साथ सिगरेट फूंकते हैं, इलाके के नेताओं से जान पहचान बनाते हैं, पूरा पूरा दिन उनके पीछे घूम रहे हैं और रात को 1-2 बजे तक घर आकर खाना खाकर फिर सो जाते हैं, कुछ कहो तो कहते हैं की नेतैती करेंगे, वैसे बाकी सब अच्छा चल रहा है !
और हमारे समाज के बच्चों में होड़ मची हुई हैं शिमला, मनाली, लेह,लद्दाख जाने की या फिर स्विमिंग पूलो में नहाने की ,फिर स्टेटस में फोटो लगाने की.….…….
सोचो और जागो इससे पहले कि बहुत देर हो जाए !