
क्या पत्नी को पति की आवश्यकता सिर्फ संभोग सुख प्राप्त करने के लिए है ??
एक महिला एक मनोचिकित्सक के पास गई और उससे बोली कि
“मैं शादी नहीं करना चाहती.. मैं शिक्षित, स्वतंत्र और आत्मनिर्भर हूं.. मुझे पति की जरूरत नहीं है.. फिर भी मेरे माता-पिता मुझसे शादी करने के लिए कह रहे हैं… आप सुझाव दीजिए कि मैं क्या करूं?”
मनोचिकित्सक ने उत्तर दिया:-
“आप निस्संदेह अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल करोगी.. लेकिन किसी दिन अनिवार्य रूप से जिस तरह से आप चाहती हैं वैसे नहीं हो पाया या कुछ कुछ गलत हो जाएगा अथवा कभी-कभी आप असफल हो जाएंगी या फ़िर कभी-कभी आपकी योजनाएं फेल हो जायेंगी या आपकी इच्छाएं पूरी नहीं होंगी.. उस समय आप किसे दोष देंगी ?.. क्या आप खुद को दोषी मानेंगी ?”
महिला:- “नहीं.. हरगिज़ नहीं…!!!”
मनोचिकित्सक:- “बस इसीलिए भी आपको एक पति की आवश्यकता है. ताकि जब भी आपका मूड खराब हो… तब आप सारा दोष अपने पति को देकर अपना मन हल्का कर सकें……।”पति से पुरा परिवार बनता है मातृत्व सुख और ममत्व जागता है बच्चे और भावी नई पीढी का सर्जन होता है
ऐक संसारिक प्रक्रिया पुरी होती है 🙏🏻🙏🏻
एक समय बाद रूप, यौवन, सुन्दरता, लावण्य सब ढल जायेगा उस समय तुम्हारा पति और परिवार ही काम आयेगा
संसार मे भुखे भेडियो से तुम्हारी रक्षा करेगा और दुनियाभर की सुख सुविधा तुम्हारे चरणौ मे अर्पित करेगा मां पिता के बाद पति,बेटा,बेटी ही एक ऐसा रिश्ता है जिस पर सम्पूर्ण विश्वास किया जा सकता है
तुम्हें ऐसी स्त्री से कभी प्रेम नहीं करना चाहिए था
जो मन से बहुत टूटी हुई थी,
क्योंकि,
अगर उसने भी तुमसे प्रेम कर लिया,
तो तुम्हें अपना सर्वस्व मान लेगी
तब तुम उसका प्रेम निभा नहीं सकोगे
क्योंकि ऐसी स्त्री कठिन होती हैं
और उनका प्रेम सरल
जबकि तुम्हें प्रेम में सरल स्त्री नहीं भाती है।
कठिन स्त्रियां तुम्हारे अहं के आड़े आती हैं
और अहं के साथ तुम
उस स्त्री के साथ सो तो सकते हो
अपनी संपूर्ण कामनाओं में डूबकर
परन्तु उसका आलिंगन कर उसका माथा नहीं चूम सकते
उसकी गोद में अपना सिर रखकर
उसकी हथेलियों के स्पर्श को
अपनी बंद आँखों में महसूस नहीं कर सकते_!!!