दोपहर में पतिदेव के साथ

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दोपहर में पतिदेव के साथ

दोपहर में पतिदेव के साथ, संभोग करने में जो आनंद है वो दुनिया के किसी और काम में नही है, खास तौर पर जब आप की नई नई शादी हुई है, और एक हैंडसम खूब प्यार करने वाला पति मिला हो

वो लड़किया इस बात को ज्यादा समझ पाएंगी जिनकी नई नई शादी हुई हो
नवम्बर ने मेरी शादी हुई थीं, अच्छा परिवार मिला था प्यार करने वाला पति मिला था दोस्त की तरह एक ननद और 2 जेठानिया मिली थी

और पतिदेव तो इतने रोमांटिक की जब मौका मिले जहां मिले शुरू हो जाते थे, उनका कहना था ऐसा करने से प्यार और विश्वास में गहराई आती है,
मैं सच बोलूं प्यार विश्वास का तो ज्यादा नहीं पता पर पति रोमांटिक मिल जाए तो जिंदगी में मजे हैं

जनवरी का महिना था कड़ाके की ठंड पड़ रही थी, और तकरीबन एक बजे खाना खाकर सभी अपने अपने कमरे में आराम करने गए,

मैं और मेरे पतिदेव भी आगया, थोड़ी बात शुरू हुई थी, लेकिन सभी जानते हैं ठंडी में बात कहा से कहा पहुंच जाए कोई नही जातना

हम दोनो का भी यही हाल था, जैसे ही कुछ होने वाला था तभी मम्मी जी जोर से बुलाई
तुरंत दरवाजा खोला और बाहर चली गई

उन्होंने बोला बरतन ऐसे ही पड़े हैं ये शुभ नही है, जाओ आराम करो आगे से ध्यान देना, मैं साफ कर देती हूं अभी

मैने बोला मम्मी आप रहने दीजिए मैं कर देती हूं
और मन ही मन में सोचने लगी की इतना अच्छा सीन था फालतू मम्मी जी ने बुला लिया

धीरे धीरे मैं जैसे पुरानी होती गई मम्मी मुझे हर चीज पर टोकने लगी, उनका सबसे ज्यादा गुस्सा इस बात पर होता की मैं काम करने ने देरी कर रही हूं

जबकि मैं हर काम अपने हिसाब से करती थी
धीरे धीरे ये बात जेठानी जी को भी बोल जाने लगी

एक दिन सभी को ऑफिस जाना था और ना जाने कैसे इन लोगो के निकलने के समय तक भी नाश्ता और लंच नही बन पाया, इसे सुन मां जी ने हम दोनो लोगो डांट लगाई

शाम को जब पतिदेव घर पर आते हैं तो मैंने ये बात बताई, तो वो मेरे ऊपर ही बोलने लगे की तुम्हे ध्यान देना चाहिए, ऑफिस का समय इधर उधर नही हो सकता

धीरे धीरे पता नही कैसे शाम का खाना जो पहले 8 बजे तक हो जाता था अब उसे होने में 11 बजने लगा था

मां का गुस्सा मेरे और जेठानी पर फूटता की तुम लोगो ने आते ही घर का सारा रूटीन बदल दिया
11 बजे खाने के बाद सोते सोते 1 बज जाता

और सुबह उठने में तकलीफ होती फिर नाश्ता बनाने में आलस आता, हम दोनो देवरानी जेठानी इस चक्कर में पड़े रहते की जल्दी से बिना कम मेहनत का खाना बना दिया जाए

और इस बात का फस्टरेशन पतिदेव और बड़े भैया में भी देखने को मिलने लगा था, लेकिन गलती कहा हो रही थी समझ में नहीं आरा था

धीरे धीरे घर की शांति भी भंग होने लगी, जो आदमी शादी के समय इतना प्यार करता था, वो अब हर सवाल का जवाब चिढ़ के देता है

फिर एक सभी चीज की हद हो गईं

सास ने हम दोनो से कहा की तुम दोनो अपना फोन मुझे देदो हम दोनो को गुस्सा आता है मैं तो कुछ बोलती नही हूं पर जेठानी जी बोल देती है
की मम्मी घर को घर रहने दीजिए इसे जेल मत बनाइए

उन्होंने एक ना सुनी और फोन ले लिया और कहा
अब से फोन सिर्फ दोपहर 1 बजे से रात को 7 बजे तक मिलेगा

हमे अपनी सास का ये रवैया काफी खराब लगा
2 दिन बाद रक्षा बंधन था, मैने मां और पापा से सारी बात बताई जब मैं अपने भाई को राखी बांधने गई थी

मेरी मां और भाई भड़क गए और बोले अभी बात करता हूं किसी की पर्सनल चीज को लेने का क्या हक बनता है

पापा ने भाई को समझाया और बोला तुम इतने बड़े नही हुए हो जो इसकी सास से ऐसे पेश आओ, फिर पापा मुझे कोने में ले जाते हैं और बोलते हैं बेटा तुम्हारी सास तुमसे उमर में बड़ी है, एक बार उनकी बात मानो आखिर इसमें कुछ सच्चाई हो

मैं घर आती हूं और अगले दिन सुबह जल्दी उठ के खाना बनाती हूं समय पर सबको खाना देती हूं और घर के सारे काम भी निपटा देती हूं

लगभग 1 महिने बाद मुझे और मेरी जेठानी को ये बात समझ आई की हम दोनो का हाथ धीमा क्यों चल रहा था

जो काम पहले 8 बजे होता था वो अब 11 बजे क्यों हो रहा
इसके पीछे कारण था मोबाइल, और मोबाइल में भी सबसे खतरनाक चीज चोटी शॉर्ट वीडियो, जो एक के बाद एक देखते जाओ, कैसे समय को खा रही है पता ही नही चलता

मैने ये भी देखा की जबसे शॉर्ट देखना बंद किया किसी चीज पे ज्यादा ध्यान टिकने लगा, कोई भी बात काफी जल्दी समझ आने लगी

और सबसे बड़ी बात पहले घर का सारा काम कर के 2 बजे खाली होते थे अब 12 बजे हो जाते हैं

मुझे और जेठानी जी को इस बात को समझने में समय लगा लेकिन आज 1 साल हो गया है अब सुबह उठ के फोन ना देखना अपने आप में एक अच्छी आदत बन गई है

शायद मेरे पापा ये बात जानते थे इस लिए बड़ी सहूलियत से बोल दिया की जो सास बोल रही हैं कुछ दिन कर के देखो
हमारे घर में होने वाली कीच कीच खत्म हो गई,

अब सोचिए ये शॉर्ट्स कितनी खतरनाक चीज है

मेरा जो हाल था वही हाल आज की हर लड़की और लड़के का है, शॉर्ट और रील के चक्कर में
जो काम 10 मिनट का है वो 2 घंटे में पूरा होता है

यदि आप भी अपने परिवार को ठीक से संभाल नहीं पा रहई हैं या आप को लगता है की समय बहुत जल्दी खत्म हो जाता है और आप सारा दिन कुछ कर नहीं पाते तो
मात्र 1 महीने के लिए रील देखना बंद कर दीजिए
ये वो मीठा जहर है जो अंदर से दिमाग और और हमारे समय को धीरे धीरे खाता जा रहा है

उम्मीद में मेरे इस अनुभव से बहुत से गृहणियों को कुछ फायदा होगा

कमेंट कर के ये भी बताएं क्या आपने ये नोटिस किया है की रील दखने से बिना अंदाज का समय नष्ट होता है

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