धन का महत्व

धन का महत्व

धन का महत्व

पुरुष के पास पैसा हो तो औरत नंगी हो जाती है,और अगर पैसे ना हो तो आदमी नंगा हो जाता है

जब कीर्ति से मेरी शादी की बात चल रही थी, तो लगता था कि ये वही लड़की है जिसे भगवान ने मेरे लिए बनाया है

जल्दी ही हम इतना घुल मिल गए, की जिम्मेदारियों की बाते सेक्स तक पहुंच गई

अब तो मानो ऐसा लगता था जैसे कि बस जल्दी शादी हो

कीर्ति का कहना था कि वो मुझसे ज्यादा मेरे मां बाप को प्यार करेगी
एक पुरुष को क्या चाहिए ऐसी लड़की जो उसे जी भर संभोग सुख दे उसका और उसके मां बाप का ध्यान रख सके

हमारी शादी होती, और हमारे बीच सब अच्छा चलता है, शादी के बाद ही पता चला कि जिस चीज को करने की आदमी को इतनी जल्दी होती है, उससे कहीं ज्यादा तड़प एक औरत में होती है

मुझे भी कीर्ति पर इतना प्यार आता था, कि मन करता था उसकी हर ख्वाइश पूरी करूं और मैं प्रयास भी करता था

लेकिन समय के साथ जिम्मेदारी बड़ी और मैने कीर्ति को बोला कि हम दोनों को जीवन साथ काटना है इस लिए खर्चे पर थोड़ा ध्यान देना होगा

इसे सुन के उसने तुरंत बोला कि अब क्या कटौती करनी है , ऑलरेडी मन मार कर रहती हूं

मैने मन में सोच कि मैं तो इसकी हर ख्वाइश पूरी करता हूं फिर ये ऐसे कैसे बोल सकती है कि मन मार के रहती हूं

मैने बोला आखिर क्या कमी है जो तुम बोल रही हो मन मार के रहती हो

उसने मुझे गिनाया, की मैं भी बड़ी गाड़ी में घूमना चाहती हूं
मैं भी चाहती हूं कि साल में कम से कम 4 5 ट्रिप करूं
मैं भी चाहती हूं कि मेरा घर सजा रहे

मैं मेकअप के समान ब्रांडेड इस्तेमाल करूं

मैने बोला खुदी 3000 की लिपस्टिक लगती हो 5000 का पांडर और क्या चाहिए
जवाब में उसने ऐसी बात बोली मानो एहसान गिना रही हो।कि किसी चीज की डिमांड नहीं करती है

और मुझे खुद पर आत्म ग्लानि होने लगी कि मेरी पत्नी की ख्वाइश में पूरा नहीं कर पा रहा, मैने दुबारा बात नहीं की इसबारें में

और साइड में भी 2 3 काम करना शुरू किया, जिससे एडिशनल अर्निंग हो जाए,

तभी उसका बर्थडे आने वाला था, उसने एक ड्रेस पसंद की थी दुकान पर जिसकी के 12000 थी

मैं ऑफिस से आता हूं, और वो मुझे गले लगाती है, पानी देती है, और बोलती है पैसे देदो जाके ड्रेस लेलूँ

मैं भी मजाक के मूड में था, और मैने बोला कि अरे डियर पैसे तो नहीं हो पाएं हैं क्यों की इस महीने सैलेरी मिलने में काफी दिक्कत होगी

इस बार साथ में बर्थडे मनाते हैं ड्रेस तुम अगले महीने लेकिन और साथ में अपनी महंगी वाली लिपस्टिक भी

तभी वो मुझे अपने से दूर की और बोलने लगी

क्या यार आपसे एक चीज बोलीं थी वो भी अपने नहीं की, मैने शॉप वाले को बोल के रखा था ले लुंगी बेचना मत

अब बेइज्जती हो गई

तुरंत मैं बोला, कि अरे इसमें बेइज्जती कैसी शॉप है, बिक भी जाए तो फिर बोले के उसमें का मंगा लेना

अच्छा मांगा लूंगी और जो मैने अपने फ्रेंड्स को बोला है कि मैं बर्थडे में वही ड्रेस पहनूंगी उसका क्या
क्या ये मेरी बेइज्जती नहीं है

इस बात पर मैने बोला तो क्या मैं चोरी करने जाऊं अगर ऑफिस में लेट हो रहा तो मेरी क्या गलती है

उसने तुरंत बोला यार तुम्हारा हर बार का नाटक यही है

एक तो मैं कभी कुछ मांगती नहीं हूं और मांग रही हूं तो तुम ऐसी बात कर रहे हो

हट जाओ मुझसे बात मत करना
और पूरी शाम उसने मुझसे बात नहीं की
रात में भी ठीक से खाना नहीं बनाया

और बेड रूम में चली गई मै भी सोने वाला था और उसे 12000 रुपए ड्रेस के और 10000 पार्टी के दिए

पैसे देखते ही उसने मुझे बोला कि अरे बाबू जब पैसे लाए थे तो बताया क्यों नहीं
और गले लगा कर सोरी बोलने लगी,
और बोला ना जाने क्या क्या बोल दिया आप को बाबू

मैने कुछ बोल नहीं सो गया,अगले दिन सुबह उठते हो उसने मुझे सॉरी बोला और करीब आके सेक्स करने की कोशिश की,पर इस बार मेरा अंदर से मन भी नहीं था मैने उसे मना कर दिया

ऑफिस जाते टाइम उसने मुझसे बोला गलती हो गई माफ कर दो,

मैने बोला गलती तुमसे नहीं हुई है मुझसे हुईं है
तुम मुझसे प्यार करती ही नहीं तुम्हे बस मेरे पैसे से प्यार है और मैं ऑफिस आगया

और सोचने लगा कि आजकल लड़किया ऐसी है, की अगर मेरे पास पैसा है तो वो मेरे लिए नंगी हो जाएंगी
और अगर मेरे पास पैसे ना हो तो मुझे नंगा कर देगी

शाम को घर आया पर बात नहीं की मैने 3 दिन बाद उसका बर्थडे था, अच्छे से मनाया

और घर आके बोला कि अब बैंगलोर में नहीं रहूंगा, मैने ऑफिस से वर्क फ्रॉम होम लिया है
अब मैं गांव चल कर मां बाप के साथ रहूंगा,

उसने बोला अरे क्यों वहां इतनी दिक्कत है, लाइट नहीं रहती है
फिर मैने बोला कि ठीक है मां बाप को यहां बुला लेते हैं

इसपर जवाब आया कि अरे वो यहां आएंगे तो उनका मन नहीं लगेगा बड़ी बड़ी बंद बिल्डिंग ने गांव के खुले मौसम में रहने वाले कहा रह पाएंगे

मैने बोला बस इसी लिए उनके पास जाना क्यों की वो मुझसे बिना किसी कंडीशन के प्यार करते हैं
मेरे पैसे पर तुमसे पहले उनका अधिकार है

ऐसा बोल के मैने समान पैक किया और बोला चलना है तो चलो यहां रहना है तो यहां रहो

उसने चलने को मना कर दिया, मैने भी उसे वहीं छोड़ के घर आगया

घर आके ने पापा और मां को बात बताई तो उन्होंने मुझे ही गलत समझा

पर मैं सच्चाई जनता था, उसे बुलाया पर वो नहीं आई

कुछ दिन मै पैसे भेजता था, लेकिन 4 महीने बाद जब उसने एक बार ये भी बोला कि उसे भी साथ आके रहना है
तो मैने भी पैसे। देने बंद कर दिए

जैसे ही पैसे बंद हुए उसका असली चेहरा सामने आया

उसने मेरे ऊपर हो केस किया कि शादी के बाद भी पत्नी को शारीरिक सुख देने में समर्थ नहीं हूं
इस लिए उसे तलाक चाहिए और बदले में हर महीने एक फिक्स धनराशि

कोर्ट में जब मैने अपनी बात रखी की ये मुझसे नहीं सिर्फ मेरे पैसे से प्यार करती थी
और ये मेरे मां बाप के साथ नहीं रहना चाहती थी,

तो पता चला ऐसा तो कोई कानून नहीं है जिसमें लड़की मां बाप की सेवा करना जरूरी हो

मैं कैसे हार गया और आज भी हर महीने 40000 उसे देता हूं और अपने मां बाप के साथ गांव में रहता हूं

मुझे एक बात पता चली बहुत खुश मुनासिब होते हैं वो लोग जिनको प्रेम करने वाली पत्नी मिलती हैं

क्यों की आज के समय में सिर्फ 2 लोग ही हैं जो बिना किसी स्वार्थ के आपसे प्रेम करते हैं
और बदले में किसी चीज की उम्मीद नहीं रखते

वो हैं हमारे माता पिता

एक बार गांव की कम सुंदर दिखने वाली लड़की से शादी कर लो पर शहर की सुंदर लड़कियों से करने से पहले 10 बार सोचना

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