
पति के लिए पत्नी क्यों जरूरी है?
(१) जब तुम दुःखी हो, तो वह तुम्हें
कभी अकेला नहीं छोड़ेगी।
(२) हर वक्त, हर दिन, तुम्हें तुम्हारे अन्दर की बुरी आदतें छोड़ने को कहेगी।
(३) हर छोटी-छोटी बात पर तुमसे
झगड़ा करेगी, परंतु ज्यादा देर
गुस्सा नहीं रह पाएगी।
(४)तुम्हें आर्थिक मजबूती देगी।
(५) कुछ भी अच्छा न हो, फिर
भी, तुम्हें यही कहेगी; चिन्ता मत
करो, सब ठीक हो जाएगा।
(६) तुम्हें समय का पाबन्द बनाएगी।
(७) यह जानने के लिए कि तुम क्या कर रहे हो, दिन में 15 बार फोन करके हाल पूछेगी। कभी कभी तुम्हें खीझ भी आएगी, पर सच यह है कि तुम कुछ कर नहीं पाओगे।
(८) चूँकि, पत्नी ईश्वर का दिया एक
विशेष उपहार है, इसलिए उसकी उपयोगिता जानो और उसकी देखभाल करो।
(९) यह सन्देश हर विवाहित पुरुष के
मोबाइल पर होना चाहिए, ताकि उन्हें
अपनी पत्नी के महत्व का अंदाजा हो।
(१०) अंत में हम दोनों ही होंगे।
(११) भले ही झगड़ें, गुस्सा करें,
एक दूसरे पर टूट पड़ें, एक दूसरे पर दादागीरी करने के
लिए; अंत में हम दोनों ही होंगे।
(१२) जो कहना है, वह कह लें, जो करना है, वह कर लें; एक दूसरे के चश्मे और लकड़ी ढूंढने में, अंत में हम दोनों ही होंगे।
(13) मैं रूठूँ तो तुम मना लेना,
तुम रूठो तो मैं मना लूंगा,
एक दूसरे को लाड़ लड़ाने के लिए;
अंत में हम दोनों ही होंगे।
(१४) आंखें जब धुंधली होंगी,
याददाश्त जब कमजोर होगी,
तब एक दूसरे को, एक दूसरे
में ढूंढने के लिए, अंत में हम दोनों ही होंगे।
(१५) घुटने जब दुखने लगेंगे,
कमर भी झुकना बंद करेगी, तब एक दूसरे के पांव के नाखून काटने के लिए, अन्त में हम दोनों ही होंगे।
(१६) “अरे मुुझे कुछ नहीं हुआ,
बिल्कुल नॉर्मल हूं” ऐसा कह कर एक दूसरे को बहकाने के लिए, अंत में हम दोनों ही होंगे।
(१७) साथ जब छूट जाएगा,
विदाई की घड़ी जब आ जाएगी,
तब एक दूसरे को माफ करने के लिए
अंत में हम दोनों ही होंगे।
टिप्पणी : पति-पत्नी पर व्यंग्य कितने भी हों, किन्तु तथ्य यही है।