प्यार में सब जायज है,

प्यार में सब जायज है,

प्यार में सब जायज है,

तडप तडप के बीते रातें जोबन इतने कडक दिखे, आग🔥उधर भी लगी हुई है हाथों में कुछ जकड़ दिखे…

तुम तो बीच में धर के उसको इधर उधर की रगड़ दिखे, घर्षण से बढती उत्तेजना दंड तभी उद्दंड दिखे!!!

खुले का खुला मुंह रह जाता उस पर कामुक रस दिखे, खुद से कामुक रस टपकाओ तभी तो गीलापन दिखे…

मेरी राह तुम जब आती गली में जन्नत दिखे, कभी उडाती गाउन आकर कभी उछलते जोबन दिखे!!!

💫…🧡…💫

“”मुस्कुरा लिया करो
मेरी नादानियों पर
जरा तुम,,

क तुम्हारी ही खातिर
हमने समझदारी छोड़ी है…””!!

🌹Good morning 🌹

प्यार में सब जायज है,

सेक्स, प्रेम एक दूसरे के बदन को नोचना, दुनिया की परवाह ना करना मैं भी नही करती थी
और मेरे मन भी तड़प उठी हुई थी साथ रहने की, जब मन किया जिस्म की आग एक दूसरे के स्पर्श से बुझा लेने की

हां मैं उसके साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगी थी

जानते हैं क्यों? क्योंकि मैंने देखा, सुना कि देश के सारे पढ़े लिखे बुद्धिजीवी, अभिनेता, साहित्यकार आदि लिव इन को ही जीवन जीने का आधुनिक और बढ़िया तरीका बताते हैं।
मेरी मां इस अवैध रिश्ते का विरोध करती थी, क्योंकि लड़का दूसरे सम्प्रदाय का था। पर मुझे माँ की बातें फालतू और दकियानूसी लगती थीं। क्यों? क्योंकि देश के पढ़े लिखे लोग कहते तो हैं- जाति/धर्म तो बकवास बातें हैं।

विवाह के लिए जाति धर्म नहीं, दिल मिलना जरूरी होता है। उसका दिल मिल गया था, सो मैं उसी के साथ रहने लगी थी।
पिछले दिनों मां ने पुलिस केस किया था। पुलिस ने जब लड़के को पकड़ा, तो मैं उसके बचाव में खड़ी हो गयी। बताने लगी कि मेरी माँ ही अत्याचारी है,

वही मुझे मारती-पीटती रहती है। इसी कारण मैं माँ को छोड़ कर अपने बाबू-सोना के साथ रहती हूं पुलिस क्या करती? छोड़ना पड़ा।

हाँ तो अब बात यह है कि एक दिन लड़के का मन भर गया। नकली समान चार दिन नहीं टिकता, तो नकली प्यार कितना टिकेगा? मन भर गया तो प्रेम मारपीट में बदल गया। बेल्टे-बेल्ट! लगभग रोज ही… एक दिन लड़के ने मुझे को खूब मारा।
हाथ पैर बांध कर मारा… पूरे शरीर पर दाग हो गए तो दागों पर नमक छिड़क कर मारा… मिर्च पाउडर छिड़क छिड़क कर… यही वह प्रेम था जिसके लिए मैने ने मां को छोड़ा था।

अभी रुकिये। जब घाव पर मिर्च पाउडर पड़ता तो मैं चीख पड़ती थी। बताइये! कितनी बुरी बात है? कोई बेचारा प्रेम दिखा रहा है और मैं चीख रही हूं
उसे गुस्सा नहीं आएगा? उसे गुस्सा आया। उसने मेरे होठों पर फेवीक्विक लगा दिया। होठ ही चिपक गए। अब चीखो… आवाजे नहीं निकलेगी ससुर! टेंशने खतम… वाह! मोहब्बत जिन्दाबाद…

खैर! मैं हॉस्पिटल में हूं, और मेरे जख्मों पर मरहम वही बूढ़ी माँ लगा रही है, जिसे मैंने पुलिस के सामने बुरा बताया था। क्या करे, माँ है न।

लड़का जेल में है। जानते हैं पुलिस ने जब लड़के को पकड़ा तब वह क्या कर रहा था? वह शराब की तस्करी कर रहा था। 93 हजार की अवैध शराब के साथ पकड़ा गया हीरो।

तुम उधर से देखो , हम इधर से मुस्कुराते है
चलो आओ छज्जे पर, इश्क के पेच लडाते है
तुम उधर से रंग लगाओ नज़रों से जी भर के
इधर हम शर्म से लाल लाल लाल हो जाते है
तू भर पानी पिचकारी में,इधर हम भीग जाते है
गर फासला है जिश्मो के दरमियां तो होने दो
उधर तुम आगोश में ले लो,इधर हम सिमट जाते है

  इस पूरी कहानी में मेन विलेन कौन है जानते हैं? क्या वह लड़का? नहीं जी। वह तो प्यादा है। वह वही कर रहा था जो उसे सिखाया गया था। अब जेल में सड़ेगा कुछ दिन, फिर निकल कर कहीं मजूरी करेगा। बुरी वह लड़की भी नहीं। सिनेमा के नशे में डूबी उस मूर्ख को कभी लगा ही नहीं कि वह जाल में फँस गयी है। उसे विलेन क्या कहेंगे। विलेन हैं वे धूर्त, जो खुद को बुद्धिजीवी बताते हुए लिविंग रिलेशनशिप को जायज ठहराते हैं, जो इसके लिए माहौल बनाते हैं। विलेन हैं वे नीच,
 ऐसी घटनाओं की बार-बार, हजार बार चर्चा होनी चाहिये, ताकि यह देश की अंतिम लड़की तक पहुँचे। ऐसी घटनाओं की कोई खबर दिखे तो उसे हजार जगह शेयर कीजिये। यही एकमात्र उपाय है, यही एकमात्र विकल्प है।

समय मिले तो आकर मिलना
लाइब्रेरी की टेबल पर,
कुछ न बोलेंगें हम ज़ुबाँ से
और अटकेंगे किताबों पर,
पलटेंगे पेजों को यूँ हीं
लफ्ज़ सुनेंगें हज़ारों पर,
लिखे हुए लैटर का क्या करना ?
जज़्बात पढ़ेंगे आँखों पर,
दांतों तले कभी होंठ दबाते
मुस्कान छुपायेंगे होंठों पर,
समय मिले तो आकर मिलना,
लाइब्रेरी की टेबल पर।

रात की सफर के साथी तो दिन निकलते हीं ड्यूटी पर निकल जाते हैं, रह जाती हुँ घर पर मै अकेली उनकी चुम्बन और चुभन की अहसासों के साथ…
पर प्यास मिटती नहीं, दिन भर उन अहसासों के साथ हर पल को जीना खुद को कितना रोमांचित कर देता है, शब्दों मे बता नहीं सकती…

आह..वो चुभन..वो चुम्बन

एक महिला बाज़ार से गुज़र रही थी,उसे लगा कि एक आदमी उसका पीछा कर रहा है,महिला ने रुककर पूछा,”तुम्हें क्या परेशानी है?”😊

आदमी ने कहा,”आप बहुत सुंदर हैं, मैं आप पर “फ़िदा” हो गया हूं।”❤️

महिला ने कहा “मैं तो कुछ भी नहीं हूं, मेरे पीछे मेरी बहन आ रही है,वह मुझसे भी ज़्यादा खूबसूरत है” ….उस मर्द ने ज्यों ही पीछे मुड़ कर देखा,महिला ने एक ज़ोररदार थप्पड़ रसीद करते हुए एक तारीखी जुमला कहा…..! 🥀

“जो फ़िदा होते हैं पीछे मुड़कर नहीं देखते”

जब मैं घर से आ रही थी तो उसे समय पापा ने मुझे ₹5000 दिए थे और बोला था बेटा अपना ध्यान रखना क्योंकि खाना और रहना तो हॉस्टल में हो ही जा रहा था और बाकी जो लड़कियों के खर्च होते हैं सिर्फ वही खर्च थे

मुझे लगा था यह पैसे मेरे लिए पर्याप्त होंगे पर ऐसा नहीं था यहां पर आने पर मैंने देखा जो लड़कियां फीस माफी की एप्लीकेशन कॉलेज में देती हैं उनके पास ₹100000 के फोन है महंगे कपड़े हैं कहीं आने-जाने के लिए कार बुक करती हैं

जब इसके बारे में और जानना चाहा और जो चीज मुझे पता चली उसे सुनने के बाद तो मानो एक पल को तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि क्या सच में ऐसा कोई कर सकता है पर मैं गलत थी यहां के लोगों के लिए यह चीज काफी आम थे

अब आप में से कुछ लोग मेरी इस बात को सुनकर गुस्सा भी करेंगे और कुछ लोगों को मेरी बात पर यकीन नहीं होगा लेकिन एक बहुत बड़ा तब का है जो इस सच्चाई को काफी अच्छे से जानता है

और वह तब का जानता है कि कैसे शहर की लड़कियां कॉलेज में पढ़ने जाती हैं तो अपना खर्च चलाती हैं

मुझे पता चला कि यह लड़कियां आमिर लड़कों को ढूंढते हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता वह दिखने में कैसा है पर पैसे वाला होना चाहिए

यह सारी प्रक्रिया एक क्रमबद्ध तरीके से होती है

जिसमे पहले लड़किया एक अच्छा लड़का फसाती हैं कुछ दिन प्यार भरी बात करती हैं, और 1 से 2 हफ्ते में उसके साथ शारीरिक संबंध बनाती हैं

इसके लिए वो डेटिंग ऐप, पब बार, महंगी पार्टी में का सहारा लेती हैं जहां पर अमीर लड़के आते हैं

एक बार शारीरिक सम्बंध बन जाने के बाद ये लडकिया लडको को अपने वश में करती है महंगे मोबाइल, कपड़े रेस्टिरेंट में खाना, और बदले में एक रात तक लड़के के साथ संबंध बना लेना,
कॉलेज में जाने वाली लड़कियों के लिए एक आम बात है , और यहीं से उनका खर्चा निकलता रहता है

लेकिन इसमें गलती सिर्फ लड़की की ही नहीं है उनके मां बाप की भी है, आखिर वो क्यों नहीं पूछते अपनी बेटी से को इतना महंगा फोन कहा से मिला, हर हफ्ते नए कपड़े कहा से आरे हैं

इस तरह चलता है लोगो का खर्चा, अब आप को इसमें ये लग रहा होगा की कितना आसान है, किसी लड़के को बेवकूफ बनाना

ऐसा ही बहुत सी लड़कियां को भी लगता है, लेकिन लड़के हमेशा अच्छे नही होते हैं
इस काम को लड़किया अपने क्षणभर के सुख के लिए करती है लेकिन कैसे चुटकी बजाते ही उनकी जिंदगी खराब हो जाती है मैं बताती हूं

हमारे वार्ड नंबर 6 के कमरा नंबर 33 की एक लड़की को भी यही नशा चढ़ा था, लड़का मिल गया, और रोज उसे अपने फ्लैट पर ले जाकर उसके साथ जो मन वो करता, बदले में उसे महंगी महंगी चीज ऑफर करता,

एक दिन वो लड़का उसे बोलता है जो तुम मेरे साथ करती जो वो मेरे कुछ जानने वालों के साथ करो

लकड़ी समझ गई की वो अब फंस चुकी है, और जैसे ही मौका मिला वो तुरंत कुछ दिन के लिए अपने हॉस्टल से घर चली गई
जब वो वापस आई तो लड़के ने बोला एक बार मिलो, जब उसने मिलने से इंकार किया तो उसने उसे एक वीडियो भेजी ये वीडियो उसकी के घर के बाथरूम की थी जिसमे वह नग्न अवस्था में कपड़े बदल रही थी

वो कुछ आगे सोचती इससे पहले ही उसके पास एक और वीडियो आया जिसमे वो उसी लकड़ा के साथ जिस्मानी संबंध बना रही थी

असल में उसके साथ फ्रॉड हुआ था और ना चाहते हुए भी उस लड़की को उस लड़के के जानने वाले के साथ संबंध बनाना पड़ा था

और ऐसे करते करते कभी वो लकड़ा संबंध बनाता कभी अपने जनन वालो को भेज देता और वो जानने वाले कोई और नहीं बल्कि उस लड़के के द्वारा फसाए गए ग्राहक होते थे

जो 10 हजार रूपए में कुछ देर के लिए लड़की का इस्तेमाल करते थे

लड़की को लगा की उस लड़के के सामने बिछ जाने से लड़का फसा रहेगा और उसका काम होता रहेगा

लेकिन लड़का खुद उसे महंगे गिफ्ट और फोन देके उसे फसता रहा, उसने जितना उसे गिफ्ट और पैसे दिए थे
उसका 4 गुना लड़की के जिस्म को बेच के कमा लिया था

आज भी वो लड़की काउंसलिंग सेंटर में हैं क्यों की वो अंदर से इतनी स्ट्रांग नही थी, और समाज लोक लाज के भय से उस लड़के पर कोई एक्शन भी नही ले सकी

ये एक सच्ची आप बीती है, जो बड़े शहर में जाने के बाद प्रत्येक लड़की और लड़के करते हैं

मेरे हॉस्टल में 100 में 98 लड़किया इसी तरह अपना खर्चा चलाती थी, और उन 98 में से 10 ऐसी होती थी जिनका जम कर शारीरिक शोषण होता था,

ये नंबर काफी कम लग सक्कता है लेकिन हो सकता हो आप को बहन बेटी जल्दी किसी बड़े कॉलेज में एडम्सिशन लें और वो भी इस रास्ते पर चले इसकी आशंका 95% है

मैं सभी पैरेंट्स से अनुरोध करूंगी की आप अपनी बेटी को बाहर पढ़ने भेज रहे हैं
तो उसने कठोर नही बल्कि दोस्त बनकर इस बारे में बात कीजिए उन्हें बताइए की कैसे लोग चंद जरूरतों के लिए अपना जिस्म किसी गैर लड़के के हाथ में देते हैं,
और बाद में उन्हें जीवन भर पछताना पड़ता है

यदि उन्हें किसी से प्रेम है या कोई उनका मित्र बना है तो सबसे पहले मित्रता परिवार वालो की नजर के सामने कीजिए ऐसे दोस्त बनाइए जो आप को अपने मां बाप से मिलाने में हिचकिचाहट महसूस ना करें

नही तो पल भर में ही एक कॉलेज स्टूडेंट से वैश्या बनने में समय नही लगेगा…!!

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