बारिश की वो रात

बारिश की वो रात

बारिश की बूंदे लाती है बहार दे जाती है एक अनजाना सा करार
जब पड़ती है ये धरती के ऊपर गीला कर उसे और भी बना देती है सुंदर
“मैं तुम्हें अथाह प्रेम करती हूँ, मगर तुम मुझे हमेशा कष्ट ही देते हो। मैं जब भी तुम्हारे गले लगती हूँ, तुम मेरा बदन जला देते हो।” रोटी ने तवे से शिकायत की।
तवे ने आह भरते हुए कहा “काश! तुम मुझे दोषी मानने की बजाय सच्चाई जानने का प्रयास करती। सच तो यह है कि मैं उस वक़्त तक तुम पर कोई आँच नहीं आने देता जब तक कि मैं पूरी तरह जल नहीं जाता। तुम तक जो तपिश आती है वह मेरे जलने की होती है, मगर तुम इस ढंग से कभी सोच ही नहीं सकी। सोच का यही अंतर दुःख का कारण है।
आराम से ले पाओगी और गहरी नींद भी आएगी चैन भी और आनंद के साथ खाना भी ठूस ठुस खाओगी
योनी को कुदरत ने आकार दिया जो लचीला होता है जिसमें से 12 इंच 2 किलो से उपर वजनी शिशु निकलता है?🤔
मर्द ने औरत के साथ केवल सोना चाहा है, काश कभी उसके साथ जागना भी सीखें
औरत केवल संभोग के लिये ही तो नहीं है,कभी उसके मन् मे ऊतरकर उसे समझना भी सीखें
देखी हैं हज़ारों महफ़िल पर यह फिज़ा कुछ और है,देखे हैं हज़ारों जलवे,पर तेरी अदा कुछ और है,
यूं तो बहुत देखी है,गहराई समुंदर की मैंने,पर तेरी आँखों में डूबने का,मज़ा कुछ और है।

नीलू मार्केट गई थी,उसका फोन बार बार बजे जा रहा था। घर आकर देखा तो उसके मामा ससुर के पोते का फोन था,चार पांच मिस्ड कॉल थे।

फिर फोन आया, उसने हेलो कहा और व्यंग्य भरी मुस्कान के साथ कहा,,कहो, आज़ ढाई साल बाद कैसे मेरी याद आई,

उधर से रमेश की आवाज आई, अरे,आप ही फ़ोन नहीं करती हैं, हम सबको भुला दी हैं।

नीलू ने बेरूखी से कहा, सफाई देने की कोई जरूरत नहीं है, कैसे फोन किया, ये बताओ,

जी, वो छोटी बहन की शादी मई में है तो हमने सोचा, आपको पहले से ही बता दें,ताकि आप शादी में शामिल होने के लिए पहले से ही तैयारी कर लें,,

नीलू ने मन में सोचा, मैंने सही अनुमान लगाया,बहन की शादी के लिए ही फोन था,

उसने सीधे सपाट लहजे में कहा,, मैं तो बाहर जा रहीं हूं, पता नहीं कब तक वापस आऊंगी,, कुछ कह नहीं सकती,मेरा आना तो मुमकिन नहीं है।
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[11:23, 05/06/2024] Social Worker: घर में खुशियों का माहौल था बारात आ चुकी थी अचानक ऐसा क्या हो गया की खुशियां मातम में बदल गई

लड़की वाले बहुत खुश थे लड़की वाले 15-20 दिनों से लड़की की शादी की तैयारी में लगे हुए थे लड़की के लिए क्या देना है क्या नहीं देना है एवं दहेज के लिए और बाराती आने वाले उनके खाने-पीने की तैयारी कर रहे थे इधर लड़की भी अपनी शादी की तैयारी में लगी थी 1 महीने से शादी की तैयारी पार्लर जाने फेशियल करवाने अनेक तैयारी करने लगी थी !

धीरे-धीरे करते शादी वाला दिन आ गया, उस दिन लड़की के ननिहाल से ननिहाल वाले मायरा लेकर आ गए ! इधर लड़की सजने सवरने में व्यस्त थी और उधर बारात भी गांव में पहुंच चुकी थी बाराती खुश होकर नाच गाने कर रहे थे अचानक ऐसा हुआ कि सभी बाराती और लड़की वाले पता नहीं क्या हो गया इतने उदास हो गए और यह शादी वाला माहौल एकदम मातम में बदल गया क्योंकि लड़के वालों की तरफ से किसी रिश्तेदार की वजह से पूरा माहौल खराब हो गया उनमे से किसी ने लड़की के भाई पर हाथ उठा दिया जो बारात के स्वागत के लिए आया हुआ था ! माहौल इतना खराब हो गया की लड़की वालो और लड़के वालों में लड़ाई शुरू हो गयी और बारात वापिस जाने तक नौबत आ गयी लड़की वाले सभी बारातियों को वहां से जाने को बोलते हैं हमें नहीं देनी आपके घर में लड़की अभी से आप यह कर रहे हो बाद में पता नहीं क्या करने वाले हो इधर दुल्हन बैठी इंतजार कर रही थी शादी के लिए और पता नहीं दुल्हन क्या-क्या सपने संजो रही थी दुल्हन को पता ही नहीं था कि बाहर क्या चल रहा है!

उसके बाद में जैसे तैसे माहौल को शांत किया गया और दूल्हा, जिसको भी पूरी बात पता नहीं होती वो स्वयं लड़की के पिता के पास आता है और माफी मांगता है और बोलता है कि आप अपनी लड़की की शादी इन बारातिया या मेरे रिश्तेदारों से नहीं कर रहे हैं मुझे कर रहे हैं मैं आपसे वादा करता हूं मैं आपकी बेटी को जिंदगी भर खुश रखूंगा किसी भी चीज की कमी नहीं होने दूंगा कभी भी कोई शिकायत का मौका नहीं दूंगा आप मेरी बारात को वापस मत लौट आओ इसी बात को देखकर लड़की वाले कुछ टाइम के लिए सोचने लगे और उसके बाद में लड़के की समझदारी को देखकर उन्होंने लड़के को हां बोल दी और उस बेचारी लड़की को तो पता ही नहीं बाहर क्या कुछ चल रहा है क्या हो रहा है लड़की को तो इन सब बातों का दो दिन बाद में पता चलता है वही दूल्हा बताता है तो देखो लड़के की समझदारी से एक घर बस जाता है अगर यह लड़का समझदारी नहीं दिखता तो यह बारात वापस लौट जाती

शादी में लड़ाइयां आजकल आमबात हो गयी है और लड़ाई की वजह बिलकुल छोटी होती है जिसको हम या सामने वाला अपने अहम् (ईगो) से बड़ी कर लेते है क्युकी उस टाइम काफी रिश्तेदार एकसाथ होते है लेकिन फिर भी आप कभी किसी की शादी में जाओ तो कृपया उस घर की खुशियों में रूकावट मत बनना चाहे कोई आपसे से कुछ राय ले या ना लें, आपसे कोई कुछ पूछे या न पूछे ! क्युकी शादी के टाइम कभी कभी एक एक रिश्तेदार की खातेदारी करनी थोड़ी मुश्किल हो जाती है इस शुभ काम में आपको याद किया है यह आज के टाइम की सबसे बड़ी ख़ुशी की बात है

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