बेबस पति
99%हसबैंड चालीस साल के पहले ही थक जाते हैं और रात में अपनी पत्नी को शारीरिक सुख नहीं दे पाते हैं।
पति अपनी पत्नी को एक महीने कभी दो महीने में सहवास करता हे वो भी कुछ सेकंड में ही थककर चूर हो जाता हे।
कमजोर हो जाते हैं अंदर से खोखले हो जाते हैं जबकि खाने पीने की कोई कमी नहीं होती है अच्छा से अच्छा खाते हैं
भोजन लेकिन सेक्स में कमजोर हो जाते हैं उनका मूड ही नहीं होता है महीनो तक अपनी बीबी को हाथ नहीं लागते है।
एक तरह से उनको बीबी में गंद आती हे नफरत करते रहते हैं चिड़चिड़ापन उनके मिजाज में आ जाता हे गुस्सा बहुत करते हैं
खूबसूरत बीबी होते हुए भी वो कुछ नही करते हैं गुस्से में रहते हैं इस कारण बीबी भी उनको कुछ नहीं बोलती है चुपचाप अपना काम करती हैं।
वो शिकायत भी नही करती है जो करना है वो करो लेकिन सुख शांति से रहो एसा बोलती है।

मैं लिखना चाहती थी कि
लाख बिसराने के बावजूद,
इतना चीखने चिल्लाने के बाद भी,
तुम क्यूं याद आते हो बहुत,
मैं लिखना चाहती थी,
कि जितनी दूर तलक जाती है ,
ये निगाह मेरी,
हर एक शख्स में ,
क्यों दिखाई देती है मुझे,
सूरत तेरी ,
मैं लिखना चाहती थी,
कि भावनाओ का वो समुंदर ,
जो मेरे हृदय में भरा था ,
तुम्हारा प्रेम बनकर,
क्या तुम्हे भी था ,
उसमे से बूंद भर प्रेम मुझसे,
मैं लिखना चाहती थी ,
कि जब पलकें भीग जाने पर,
कुछ दिखाई नही देता,
तब भी उन बंद पलकों में,
सिर्फ तुम्हे ही क्यों पाया मैने,
मैं लिखना चाहती थी,
कि ये परछाइयां जिन्हे देख,
लोग अक्सर डर जाते हैं,
मैं तुम्हे क्यों आखिर,
उन्ही परछाइयों में ढूंढती रही,
मैं लिखना चाहती थी,
कि जिन रास्तों पर ,
अनेकों लोग आए और गए,
मैं उन्हीं राहों पर ,
तेरे कदमों के निशान क्यूं ढूंढती रही,
मैं लिखना चाहती थी ,
कि विरह की पीड़ा का दंश,
जिसे सहकर लोग मर भी जाते हैं,
मैं उसी दंश को ,
आखिर क्यों सहती रही जीवित रहकर_!!
❤️❤️