
लव स्टोरी (A Love Story)
बी टेक करते ही मान्या का कैम्पस प्लेसमेंट एक प्रतिष्ठित मल्टीनेशनल कंपनी में हो गया । मान्या शुरू से ही मेधावी रही है ,उसके पिता शहर के जाने माने व्यवसायियों में गिने जाते हैं ।
उन्होंने अपनी बेटी से कहा ,
बेटा तुम्हें नौकरी करने की क्या जरूरत । तुम तो अब मेरा बिजनेस संभालो । मान्या ने कहा , पापा अभी मुझे लगता है ,एक दो साल नौकरी कर के अनुभव हासिल कर लेना चाहिए ।
फिर तो आपके साथ बिजनेस का काम सीखना ही है । तब उसके पिता ने भी सहमति दे दी । वह पहली बार घर से बाहर रहने जा रही थी ,तो थोड़ी घबराहट हो रही थी और मम्मी पापा से दूर होने का दुख भी था ।
उसके माता पिता भी उदास हो रहे थे, पर फिर उसके पिता ने ही कहा ,अरे! एक साल तो यूं चुटकियों में ही निकल जायेगा । फिर दोनों उसे कंपनी कैंपस में छोड़ने आए ।
मान्या मेहनती और कुशाग्र थी,
तो जल्दी ही उसे एक बड़े प्रोजेक्ट के लिए सेलेक्ट कर लिया गया । उसने अपने मम्मी पापा को खुशखबरी सुनाई कि,उसे यू एस के प्रोजेक्ट के लिए सेलेक्ट कर लिया गया है ,और अगले महीने उसे जाना होगा । उसके माता पिता भी बहुत खुश हुए, पर इतनी दूर जाने का सोच कर थोड़ा घबरा भी रहे थे ।
यू एस पहुंचने पर उसके रहने की व्यवस्था कंपनी कैंपस में ही की गई और एक सप्ताह का प्रशिक्षण रखा गया । सुबह वह तैयार हुई, उसने फ्रॉक पहनी जो घुटने तक थी , कमर तक लंबे,रेशमी बाल खुले ही रहने दिए ।
एक बार आईने मे खुद को निहारा , एक नोट बुक और पर्स उठाया और प्रशिक्षण हाल की ओर चल दी । हाल के दरवाजे पर पहुंची ही थी कि, एक लड़का बातें करते हुए बाहर जाने के लिए मुड़ा और मान्या से टकरा गया ।
उसने जल्दी से सॉरी बोला,
तब तक मान्या नीचे झुक कर नोट बुक उठाने लगी । उसके बाल सामने लहरा आए । इट्स ओके ,कहकर मान्या उठी तो दोनों की नज़रें मिली , बेहद खूबसूरत मान्या, उसकी गहरी काली आंखे, घनी पलकें और रेशमी बाल देखकर एक पल को ठिठक गया लड़का जिसका नाम अनिरुद्ध था ।
स्मार्ट हैंडसम अनिरुद्ध को देख कर मान्या भी कुछ पल नजरें हटा न सकी, फिर सीट पर जा कर बैठ गई। प्रोजेक्ट के लिए अलग अलग शाखाओं से योग्य , प्रतिभाशाली और नए लोगों का चुनाव किया गया था ।
प्रशिक्षण के दौरान मान्या हर सेशन में सक्रिय रहती और अपनी कुशाग्र बुद्धि का बोध कराती थी । अनिरुद्ध भी पीछे नहीं था । इस दौरान अनिरुद्ध सब से हसीं मजाक करते रहता था ,जबकि मान्या कम ही बोलती थी ।
आपस में भी दोनों की बातचीत कम ही होती । प्रशिक्षण पश्चात प्रोजेक्ट में सबको अलग अलग जिम्मेदारी दी गई । लगभग छः माह में प्रोजेक्ट पूरा हुआ । अगले दिन सभी की वापसी थी ।
उससे पहले प्रोजेक्ट की सफलता पर कंपनी ने पार्टी और सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा ।
जिसमें सभी को भाग लेना था ।
अनिरुद्ध ने गिटार बजाया । सभी ने उसे बधाई दी । मान्या ने जब कथक नृत्य प्रस्तुत किया तो सभी मंत्रमुग्ध से देखते रहे ।
किसी ने प्रहसन ,किसी ने कविता पाठ तो किसी ने मिमिक्री कर सब का मनोरंजन किया । कार्यक्रम के पश्चात सभी साथ में भोजन करने लगे ।
इसी दौरान किसी ने मान्या को नृत्य की सुंदर प्रस्तुति की बधाई दी , तब अनिरुद्ध ने मजाक में हंसते हुए कहा , ता थई ता थई। मान्या को बुरा लगा ,मेरा हो गया ,कहकर उसने प्लेट रखी और आंसू छुपाती हुई बाहर निकल गई । मगर अनिरुद्ध ने देख लिया ।
वह भी उसके पीछे गया । मान्या स्विमिंग पूल के पास जा कर खड़ी हो गई और आंसू पोछने लगी ।
पीछे से अनिरुद्ध ने पूछा क्या हुआ ?
कुछ नहीं, कहकर वह जाने लगी ।
अनिरुद्ध ने उसका हाथ पकड़ लिया और कहा , मैं तो मजाक कर रहा था l
जिसको दिल से चाहो न तो उसका मजाक ज्यादा तकलीफ़ देता है , कहकर मान्या हाथ छुड़ा कर चली गई ।
अनिरुद्ध वहीं खड़ा रह गया ।
मान्या अपने कमरे में आकर देर तक रोती रही। फिर पैकिंग की । उसकी फ्लाइट सुबह सुबह थी ।
अगले दिन वह घर पहुंची । मां के गले लग कर रोने लगी । मां ने घबराकर पूछा, क्या हो गया बेटा।
मान्या ने कहा ,इतने दिन कभी आपसे दूर नहीं रही हूं न मम्मी ,बस इसी लिए रोना आ गया।
और पापा की याद नहीं आई , उसके पापा ने कहा , तो वह उनसे भी लिपट गई । फ्रेश होकर आती हूं , कह कर अपने कमरे में जाकर काफी देर रोने के बाद खुद को संभाला , तेरा प्यार तो एकतरफा था , उसने तो तुझे कभी कहा ही नहीं था ।
फिर उसकी क्या गलती ?
बाहर आ कर मम्मी पापा के साथ खाना खाया । उसके पापा ने कहा , बस हो गया अनुभव ।अब कहीं जाने की जरूरत नहीं । मेरे साथ बाकी सीख लेना ।
मान्या ने भी हामी भर ली।और पापा के आफिस जाने लगी ।अब मान्या के लिए रिश्ते आने लगे । उसके मम्मी पापा भी चाहते थे, मान्या की शादी हो जाए ।
मान्या ने भी कुछ नहीं कहा ,
क्योंकि वो एकतरफा प्यार का जिक्र करके अपने मम्मी पापा को दुखी नहीं करना चाहती थी ।
पापा ने पूछा, बेटा तेरी कोई पसंद हो तो बता दे, हम उससे मिल लेते हैं । मान्या ने कहा , पापा आप लोग ही पसंद कर लें। पापा मम्मी ने जांच पड़ताल की। एक लड़के के माता पिता मान्या को देखने आए ।
पापा ने पूछा, लड़का नहीं आया। तब वे बोले ,लड़का काम के सिलसिले में बाहर गया है,अगले हफ्ते आ जायेगा ।
हमें मान्या पसंद है ,
आप लोग अगले हफ्ते हमारे बेटे से मिल लीजिए । आपलोगों की रजामंदी से रिश्ता तय कर लेंगे ।
अगले हफ्ते मम्मी ने कहा , बेटा तैयार हो जाओ आज लड़का देखने जाएंगे । तुम दोनों की रजामंदी से ही हां बोलेंगे । मान्या ने कहा , मम्मी आप लोग पसंद कर लीजिए । मुझे कहां समझ आएगा।
पर बेटा लड़का भी तो तुमसे मिलना चाहेगा न , मां ने कहा ।
मम्मी आप लोगों को पसंद आ जायेगा तो फिर देख लेंगे, मान्या ने कहा।
पापा मम्मी को लड़का पसंद आया और रिश्ता तय हो गया ।
शादी का मुहूर्त एक महीने बाद का तय हुआ । तैयारियां जोर शोर से होने लगी ।
आखिर विवाह का दिन आ गया और बारात भी आ गई । सेहरे में सजा दूल्हा और दुल्हन बनी मान्या विवाह की रस्में पूरी कर रहे थे । दूल्हा सेहरे के बीच से झांक कर मान्या को देख रहा था, पर मान्या ने एक बार भी नजर उठा कर नहीं देखा । विवाह संपूर्ण हुआ । मान्या विदा होकर ससुराल आ गई ।
दुल्हन का भव्य स्वागत हुआ । विवाह पश्चात की रस्में पूरी कर मान्या को कमरे में सुहाग सेज पर बैठा दिया गया । दूल्हे ने कमरे में आ कर दरवाजा बंद किया । मान्या अपने आप में सिमट गई ।
दूल्हे ने जब घुंघट उठाया , तब भी मान्या ने नजरें नहीं उठाई ।
दूल्हे ने कहा, इतनी नाराजगी कि एक नज़र देखोगी भी नहीं।
अनिरुद्ध ! मान्या ने झट से पलकें उठा कर देखा ।
अनिरुद्ध ने मुस्कराते हुए उसे गले से लगा लिया ।
मान्या ने कुछ कहना चाहा उससे पहले ही अनिरुद्ध ने कहा ,सब बताता हूं :
उस दिन तुम अपनी बात कह कर चली गई । मै तुम्हारे पीछे आया पर तुम अपने कमरे में चली गई थी । मान्या तुमसे प्यार तो पहली नज़र में ही हो गया था , पर कहीं तुम इनकार न कर दो ,इसलिए कहा नहीं। मैंने सोचा सुबह अपने दिल की बात कहूंगा ,पर सुबह भी तुम जल्दी निकल गई । मैने तुम्हे फोन किया मगर तुम फ्लाइट में थी । उसके बाद मेरी फ्लाइट थी । तब मैने सोचा ,अब तो सामने ही अपने दिल की बात कहूंगा । तुम्हारे बारे मे पता किया । अपने मम्मी पापा से कहकर रिश्ता भिजवाया । सोचा था ,जब तुम देखने आओगी तो कह दूंगा । पर तुम अपने मम्मी पापा के साथ नही आईं। तब मैने सोचा अब शादी के बाद ही बताऊंगा। और तुम्हारे मम्मी पापा से सारी बात कह कर उन्हे भी योजना में शामिल कर लिया । सेहरे से मुंह छुपा लिया , पर तुम तो नजरें ही नहीं उठा रही थी ।
और मैं समझती रही मेरा एकतरफा प्यार अधूरा ही रह गया , कहकर मान्या ने उसे मुक्का मारा । अनिरुद्ध ने हंसते हुए गले लगाकर कहा ,कैसा लगा मेरा प्लान !