“वासना”

“वासना”

हर किसी से मोहब्बतहमारी फितरत में नहीं,, पर जिसको चाहते हैंउन पर जिंदगी वार देते हैं.!!🌹❤

प्रेम के वश में सब है…
बस सबके वश में प्रेम नही …!!

प्रत्येक व्यक्ति सेक्स का नाम सुनकर एकदम अलर्ट हो जाता है, मानो की उसकी वासना की इंद्री जाग गई हो।

सुनते ही नसों में तनाव या रिसन शुरू हो जाता है ।
अक्सर देखा गया है की ज्यों ज्यों औरत अपनी बड़ी उम्र की और अग्रसर होती है , उसकी सेक्स की क्षमता बढ़ती जाती है, क्योंकि संभोग पर ध्यान एकांत में जाता है या तो कम उम्र में या 40 के बाद ।

उस उम्र के पड़ाव में पुरुष उस स्त्री के साथ रह रह कर उस स्त्री के प्रति नीरस होता चला जाता है क्योंकि पुरुष की क्षमता कम होती जाती है वो सही से संभोग नही कर पाता है , उसकी आकर्षण कम हो जाती है जो की नही होना चाहिए।

✍🏽…….. किसी को पूरा करने के लिए
हमारा अधूरा होना बहुत जरुरी होता है
तो अगर आप अधूरे हैं तो
अपने अधूरेपन पर नाज़ करिए
क्योंकि कभी न कभी आपसे मिलकर
कोई न कोई ज़रूर पूरा होगा …….
✍️

स्त्री को परमात्मा ने कोमल,ममतामई बनाया है, उस उम्र के पड़ाव में स्त्री को कामवासना की शांति और प्रेम,एहसास की तलाश होती है जो की उसका पति इसमें असमर्थ होता है, ऐसी परिस्थितियों में अक्सर देखा गया है की औरतें लड़कों की और आकर्षित होने लगती हैं।

ऐसा स्वाभाविक है क्योंकि यह उस स्त्री की शारीरिक और मानसिक आवश्यकता है,जिसे वह पुर्ण करने में सक्षम होने की कोशिश करती है।

अब हमारे आज के इस पाश्चत्य सभ्यता को मानने वाले लोग इस संबंध को खूब अच्छी तरह निभा रहें है पति पत्नी दोनो मिलकर अपना जीवन एक दूसरे के लिए समर्पित कर रहे हैं।

दोस्ती एक वो एहसास होता है ,
जो अंजाने लोगो को भी
पास लाता है, जो हर पल साथ दे
वही दोस्त कहलाता हैं,
वरना तो अपना साया भी
साथ छोड़ जाता है।
🌞🌞🌞🌞🌞💥💥💥

किसी ने कहा,,
अगर वो दोबारा मिले तो
क्या सज़ा दोगी ?

मैंने कहा सबकी तरफ़ देखूंगी
सिवाय उसके।
💜

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प्रश्न : पत्नी की इच्छा के विरुद्ध जब पति
शारीरिक उपभोग करने के लिए बाध्य करते हैं,
तो स्त्री की मानसिक हालत विक्षिप्त हो जाती है ।
उस तनावपूर्ण स्थिति में
औरत का क्या कर्तव्य हो सकता है ?

अगर पति जबरदस्ती ले जाता है
काम – उपभोग में,
तो ठीक काम – उपभोग के क्षण में,
ठीक इण्टरकोर्स के क्षण में
अपने मन में पूरी प्रार्थना करें कि
पति के जीवन में शान्ति हो,
पति के जीवन में प्रेम हो ।
उस क्षण में पत्नी पति की आत्माएँ
अत्यन्त निकट होती हैं ।
उस क्षण में पत्नी के मन में जो भी उठेगा
वह पति के मन तक सँक्रमित हो जाता है ।
और भी बहुत सी महिलाएं हैं
मुझसे निरन्तर पूछती हैं,
बहुत स्त्रियों के जीवन में प्रश्न होगा ।
लेकिन शायद इस बात को
कभी भी नहीं सोचा होगा कि
पति के मन में कामेच्छा की
बहुत प्रवृत्ति का पैदा होना
किस बात का सबूत है ।
वह इस बात का सबूत है कि
पति को प्रेम नहीं मिल रहा है ।
यह सोच कर
यह पढ़ कर
शायद यह सुन कर हैरानी होगी
जो पत्नी अपने पति को
जितना ज्यादा प्रेम दे सकेगी,
उस पति के जीवन में सेक्सुअल डिजायर
उतनी ही कम हो जायेगी ।
शायद यह कमी आपके ख्याल में न आया हो ।
जिन लोगों के जीवन में जितना प्रेम कम होता है
उतनी ही ज्यादा कामेषणा और सेक्सुअलिटी होती है ।
जिस व्यक्ति के जीवन में जितना ज्यादा प्रेम होता है
उतना ही उसके जीवन में सेक्स नहीं होता,
सेक्स धीरे – धीरे क्षीण होता चला जाता है ।
तो पत्नी के ऊपर एक अदभुत कर्तव्य है,
पति के ऊपर भी है ।
अगर पत्नी को लगता है कि
पति बहुत कामातुर,
कामेच्छा से पीड़ित होता है और
उसे ऐसे उपभोग में ले जाता है,
जहाँ उसका चित्त दुःखी होता है,
शान्ति नहीं पाता,
कष्ट पाता है और
विक्षिप्तता आती है,
पागलपन आता है,
घबड़ाहट आती है तो
उसे जानना चाहिए कि
पति के प्रति उसका प्रेम अधूरा होगा ।
जिस पति को प्रेम नहीं मिलता
उसके भीतर अशान्ति घनीभूत होती है ।
और उस अशान्ति के निकास के लिए,
रिलीज के लिए
सिवाय सेक्स के और कुछ भी नहीं रह जाता ।
दुनिया में जितना प्रेम कम होता जा रहा है
उतनी सेक्सुअलिटी बढ़ती जा रही है,
उतनी कामोत्तेजना बढ़ती जा रही है ।

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