स्वैच्छिक सहवास ज़रूरी है?

स्वैच्छिक सहवास ज़रूरी है?

स्वैच्छिक सहवास ज़रूरी है

आकाश ने अपनी पढ़ाई गाँव में की थी । वह पढ़ाई में बहुत ही होशियार था। अच्छे अंक प्राप्त करके उसने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी और हैदराबाद में ही एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करता था ।

वहाँ उसके साथी सब उसे लल्लू चप्पू कहकर पुकारते थे । उसके पीठ पीछे गँवार कहते हुए उसकी हँसी उड़ाते थे । वह दूसरे लड़कों के समान ब्राँडेड कपड़े नहीं पहनता था और उसके पुराने ज़माने के ख़यालात हैं । वह यहाँ शहर के लोगों के साथ घुल नहीं पाता है ।

लेकिन आकाश ने लोगों को देखकर एक साल में अपने आप को बदल लिया था । आज पूरे ऑफिस में लोग उसे जानते थे क्योंकि वह काम अच्छा करता है पूरे ऑफ़िसर उसे चाहते थे ।

जो लड़कियाँ उसकी तरफ़ मुड़कर भी नहीं देखतीं थीं आज वे उसके आगे पीछे घूमने लगीं थीं। सुप्रिया जो कभी ऐसे लल्लू लड़कों को घास भी नहीं डालती थी वह इसे आब्जर्व करने लगी थी ।

वह बेहद खूबसूरत मुंबई जैसे शहर में पढ़ी पली थी । उसके विचार स्वतंत्र थे। माता-पिता की अकेली संतान थी । स्वाभिमानी और आत्मनिर्भर पर विश्वास रखने वालों में थी । पिता की बहुत सारी संपत्ति होने के बाद भी नौकरी करके अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती थी । अब उसकी नज़र भी आकाश पर पड़ी । दोनों एक ही टीम में थे तो बातें भी कर लेते थे ।

उन दोनों को कब प्यार हो गया पता ही नहीं चला । आकाश ने ही सबसे पहले उससे अपने दिल की बात कही सुप्रिया ने झट से हाँ कह दिया जैसे वह इसका ही इंतज़ार कर रही हो ।

आकाश और सुप्रिया दोनों अब आराम से घूमने फिरने लगे थे।

आकाश – सुप्रिया अब हमें अपने बड़ों को बता देना चाहिए ताकि हम शादी करके साथ रहने लगे ।

उसने यह भी बताया कि मैं अपने माता-पिता का इकलौता बेटा हूँ और मेरे माता-पिता की ज़िम्मेदारी मेरी है ।

सुप्रिया— मैंने कब मना किया आकाश मुझे कोई आपत्ति नहीं है उनके साथ रहने में ।

आकाश— फिर देर किस बात की है हम अपने घर में बता देते हैं ।
सुप्रिया— देखो आकाश शादी को लेकर मेरे मन में कुछ विचार हैं ।

आकाश— ( हँसते हुए) कह दो ना मैं भी तो सुनूँ।

सुप्रिया — ( झिझकते हुए ) शादी के पहले हम (लिविंग रिलेशन) स्वैच्छिक सहजीवन में थोड़े दिन रहेंगे ।

आकाश— पढ़ा लिखा है परंतु अभी तक उसे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी । सुप्रिया मुंबई की माडर्न लड़की थी इसलिए उसे इन बातों के बारे में अच्छी जानकारी थी । उसने आश्चर्य से पूछा यह लिविंग रिलेशन क्या होता है सुप्रिया?

सुप्रिया— देखो आकाश हमारे माता-पिता एक अनजान व्यक्ति के साथ हमारी शादी करा देते हैं तो कुछ दिनों तक सब ठीक चलता है लेकिन धीरे-धीरे दोनों को उनकी कमज़ोरियों के बारे में अहसास होता है और तब अनबन शुरू हो जाती है । तुम्हें मालूम है कभी-कभी तो तलाक़ तक की नौबत भी आ जाती है।

इसलिए आजकल की जनरेशन में बच्चे पहले लिविंग में एक दो साल मिलकर रहते हैं। दोनों एक-दूसरे को समझने की कोशिश करते हैं अगर वे एक-दूसरे से कंफ़रटेबल हैं तो शादी करते हैं वरना एक-दूसरे से बिना झगड़ा किए अलग हो जाते हैं । इससे आगे की ज़िंदगी आराम से गुजर जाती है ।

आकाश— ( आश्चर्य चकित होकर) सुप्रिया एक ही घर में पति पत्नी के समान रहते हैं?
सुप्रिया—हाँ !! इसमें कौनसी बड़ी बात है ।

आकाश— मुझे तो हज़म नहीं हो रहा है और हाँ इस बीच तुम माँ बन गई तो?
सुप्रिया— बुद्धू इस सबके बारे में बाद में सोचेंगे तुम पहले रहने के बारे में सोचो ।

आकाश- प्लीज़ मुझे कुछ समय दो ताकि मैं सोच विचार कर सकूँ ।

सुप्रिया— ठीक है आकाश तुम आराम से सोच लो बाद में पछताने के बदले हम पहले ही से सँभल जाएँ तो अच्छा है ना ।
आकाश घर आ जाता है । उसका सर सोच सोच कर चकरा रहा था ।

सबसे अच्छी और बड़ी बात यह थी कि वह अपनी दिनचर्या अपने पिता से बाँटता था । उसके पिता गाँव में खेती बाड़ी करते थे पढ़े लिखे नहीं थे फिर भी वे दोनों अच्छे दोस्त थे ।

उसने पिता को सुप्रिया की सारी बातें बता दी । उन्होंने ने सब कुछ सुनकर आकाश को कुछ सलाह दिया और कहा कि इसकी क्या प्रतिक्रिया है मुझे आकर बताना ।

दूसरे दिन शाम को दोनों फिर से आकर मिले ।
सुप्रिया— आकाश तुमने क्या सोचा है?

आकाश— हम दोनों पहले से ही साथ रहकर एक-दूसरे की अच्छी बुरी बातों को समझना चाहते हैं ताकि हमारी आगे की ज़िंदगी में ख़ुशहाली बनी रहे राइट!

सुप्रिया— यही तो मैं तुम्हें कब से समझाना चाह रही हूँ ताकि आगे कोई तकलीफ न हो ।
आकाश— सुप्रिया मैंने तुम्हें बताया था ना कि मेरे माता-पिता मेरे साथ रहेंगे ।

सुप्रिया— मुझे मालूम है इसमें कौनसी बड़ी बात है ।
आकाश— उनके साथ मिलकर रहने के लिए भी बाद में कोई प्रॉब्लम न हो हम उन्हें भी अपने साथ रख लेते हैं । उनके साथ भी तुम्हें एडजेस्ट होना है ना । बाद में फिर झगड़े होंगे तो वे बेचारे कहाँ जाएँगे ।

सुप्रिया— मुझे सोचने के लिए समय चाहिए । मैं फिर बताऊँगी कहते हुए घर चली गई ।

हम कितने भी आधुनिक युग में हों नौकरी करते हों पर हमारी संस्कृति या हमारी सभ्यता ही समझिए कि हमारा दिल नहीं मानता है कि होने वाले ( होंगे या नहीं पता नहीं) सास ससुर के सामने बिना शादी के उनके बेटे के साथ एक ही कमरे में रहे । बहुत सोच विचार के बाद सुप्रिया ने कहा मैं तुम्हारे माता-पिता के सामने शादी के पहले तुम्हारे साथ एक कमरे में नहीं रह सकती हूँ । इसलिए तुम हमारी शादी के लिए तैयार हो जाओ कहकर वह वहाँ से चली गई ।

आकाश बहुत खुश हो कि चलो अच्छा हुआ । उसने अपने पिता को फ़ोन पर सब बताया तो वे भी खुश हो गए थे ।
सुप्रिया के माता-पिता से मिलकर उनकी भी रज़ामंदी से दोनों की शादी धूमधाम से करा दिया था । आज उनके दो बच्चे हैं और वे दोनों अपनी ज़िंदगी में खुश हैं ।

दोस्तों पति पत्नी को एक दूसरे को समझने के लिए लिविंग रिलेशन में रहना ज़रूरी नहीं है सिर्फ़ समझदारी और एडजेस्टमेंट हो तो बहुत है ।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी प्रतिक्रिया अवश्य दीजिए ।

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