हमारा विनाश कब शुरू हुआ?

1.हमारा विनाश उस समय से शुरू हुआ जब हरित क्रांति के नाम पर देश में रासायनिक खेती की शुरूआत हुई और हमारा पौष्टिक वर्धक, शुद्ध भोजन विष युक्त कर दिया!
- हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश में जर्सी गाय लायी गई और भारतीय स्वदेशी गाय का अमृत रूपी दूध छोड़कर जर्सी गाय का विषैला दूध पीना शुरु किया!
- हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन भारतीयों ने दूध, दही,मक्खन, घी आदि छोड़कर शराब पीना शुरू किया!
- हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने गन्ने का रस छोड़कर पेप्सी, कोका कोला पीना शुरु किया था जिसमें 12 तरह के कैमिकल होते हैं और जो कैंसर, टीबी, हृदय घात का कारण बनते हैं!
- हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने शुद्ध देशी तेल खाना छोड़ दिया था और रिफाइंड आयल खाना शुरू किया था जो रिफाइंड ऑयल हृदय घात, आदि का कारण बन रहा है!
- हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश के युवाओं ने नशा शुरू किया था बीडी, सिगरेट, गुटखा, गांजा, अफीम, आदि शुरू किया था जिससे से कैंसर बढ रहा है!
- हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ जिस दिन देश में 84 हजार नकली दवाओं का व्यापार शुरु हुआ और नकली दवाओं से लोग मर रहे हैं!
- हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने अपने स्वदेशी भोजन छोड़कर पीजा, बर्गर, जंक फूड खाना शुरू किया था जो अनेक बीमारियों का कारण बन रहा है!
- हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने अनुशासित और स्वस्थ दिनचर्या को छोड़कर मनमानी दिनचर्या शुरू की थी ।
- हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने घरों में एलुमिनियम के बर्तन व घर में फ्रिज लाया था।
- हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन भारतीय जीवन शैली को छोड़कर विदेशी जीवन शैली शुरू की थी।
12 .हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने स्वस्थ रहने का विज्ञान छोड दिया था और अपने शरीर के स्वास्थ्य सिद्धांतों के विपरीत कार्य करना शुरू किया था ।
- लोग घर मे तो काम नही करते पर जिम जाकर हार्टअटैक से मर रहे है क्योंकि बॉडी को दिखाना भी है जिसके लिए अलग अलग प्रकार के दवाई और पावडर का सेवन कर रहे जो धीरे-धीरे हार्ट अटैक और किडनी डैमेज का कारण बनता जा रहा है।
- पहले के जमाने में लोग स्वस्थ इसलिए रहते थे क्योंकि प्रकृति के हिसाब से चलते थे सुबह दोपहर शाम रात का काम प्रकृति के हिसाब से करते थे अब सुबह उठते नहीं और रात को सोते नहीं जिससे पूरा सिस्टम ही खत्म हो गया है जो धीरे-धीरे बीमारियों का जड़ बन रहा है
- आयुर्वेद और मेडिकल साइंस दोनों में भोजन का समय सूर्यास्त के बाद बताया गया है पर आजकल 11:00 बजे 12:00 बजे रात को भोजन किया जाता है जिससे पेट तो निकल ही रहे हैं शरीर पचा नहीं पता और धीरे-धीरे बीमारियों का घर बनते जा रहे हैं
नोट :- हमारे विनाश के अनेक कारण हैं। आज लोग कैंसर, टीबी, हृदय घात, शुगर, किडनी फेल, हाई वीपी, लो वीपी, अस्थमा आदि गंभीर बीमारियों से मर रहे हैं!! जानकारी अच्छी लगे तो लाइक शेयर कमेंट करें फॉलो करें
थोड़ा हंस भी लिया करो दोस्तों..सब्जी वाले ने लिखे उधारवालों के नाम
एक सीधा सादा सब्जी वाला मोहल्ले में सब्जी बेचता था, बहुत सी महिलाएं उससे उधार लेती तो वो चुपचाप दे देता और अपनी कॉपी में लिख लेता था कि किसने कितने का उधार लिया। आश्चर्य की बात यह थी कि उसने कभी किसी भी महिला का नाम नहीं पूछा था लेकिन फिर भी उधार लेने वाली महिला पूछती कि कितना पैसा देना बाकी है तो वो कॉपी छुपकर देखता और बता देता थाःःः महिलाओं को बहुत आश्चर्य होता था कि वह बिल्कुल सही सही कैसे बता देता है। एक दिन उसकी नजरों से छिपाकर महिलाओं ने उसकी कॉपी गायब कर दी, पढ़ा तो उसमें लिखा था :
बिलइया : 20, नकचिपटी : 18
चितकबरी : 15, मोटकी : 40
संवरकी : 20, पतरकी : 10
भैंसिया : 22, कुकुर वाली : 50
बन्दरमुंही : 35, बकबकही : 12
दंतुलि : 10, मुंहटेंढि : 15
कनढेरी: 28, बहिरी : 60
भुअर्की : 30
दिल की बातें सब लिखें ही क्यों
कभी मेरी आंखें भी पढ़िए ना आप
इनमें प्यार है ढेरों महसूस करिए
कहते हैं “आंखें होती दिल की किताब” ❤️🥀

चांद कहूं तो छुप जाओगे
दोस्त कहूं तो छोड़ जाओगे
गुलाब कहूं तो बिखर जाओगे
ख़्वाब कहूं तो टूट जाओगे
इसलिए मैंने तुम्हारा नाम ज़िंदगी रखा है
मौत से पहले तो नहीं छोड़ पाओगे।