
Celebrate love, Intimacy(Sex_and_Sex)
sex_and_sex
When we here name sex, Our heart bit often fast,
Did you try to understand why?
Let us know what’s the imprtance of sex , intimacy, love
Everyone’s watching sex
We may have a different view of our own.
But first let me tell you…
Is there sex?
Sex is a common process of our lives.
As we eat when we are hungry and also
We drink water when we are thirsty.
Similarly, if you want to have sex, they also do sex.
Sex is biological need.
Believe it or not
A very important part of our life.
Where we keep having sex
From Depression/Stress/Depression
Get rid of a huge extent
From not having sex right there
We are filled with shrubs inside,
Let’s get frustrated.
Now how to have sex and how not
It depends on one’s view.
Sex is an extreme pleasure
Which is very different from sex.
Sex is not only physical happiness but also
While sex is spiritual pleasure.
Sex :- .
To make myself happy
To indulge with a woman or man
Sex is called.
The person stays selfish in this
He only means his own happiness.
And
Sex :-
Sex = equal + consumption
Means suffering equally.
This is the process
In which two people are not from the body
Apitu on the emotions level
The body connects with the mind and souls.
“Sex is the tomb of love
Where boyfriend and girlfriend in each other
Let’s lean on each other. ”
As a result of this
This lean state originates
Life cycle of breeding.
Created by Brahma to expand this creation
It is very important to have fertility.
And
“Sex is the basis of fertility. ”
Touched kiss by lover
Believe it drowns the soul in the ocean of joy.
The sex … On the level of emotions
Where boyfriend and girlfriend
Let’s dive into the sea of joy
In which body mind and soul
We are satisfied with joy.
On an emotional level from each other
Being sexual
Impresses their love.
“In words to this event or situation
It is not possible to write. ”
This is the feeling,
Which is deeper than the depth of the sea,
In which Rom-Rom is included….!!
जानिए, सेक्स क्या है?
सेक्स! सुनते ही कुछ लोगों के गाल गुलाबी हो जाते हैं, तो कुछ मुस्कुराने लगते हैं. लेकिन सच्चाई ये है कि सेक्स जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा है, और अच्छी सेक्स शिक्षा हर किसी के लिए ज़रूरी है, चाहे उम्र या सामाजिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो. ये ब्लॉग असहज हंसी या शर्मनाक खामोशियों के लिए नहीं है. हम यहां सेक्स शिक्षा के बारे में खुले और ईमानदार तरीके से बातचीत करने के लिए हैं – ये क्या है, ये क्यों ज़रूरी है, और इसे स्वस्थ तरीके से कैसे अपनाया जाए.
सेक्स क्यों ज़रूरी है?
ज़रा सोचिए: हम अपने बच्चों को बिना सड़क चलने के नियम सिखाए गाड़ी चलाने नहीं देंगे, है ना? सेक्स शिक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है. ये युवाओं को उनके शरीर और रिश्तों के बारे में सुरक्षित, स्वस्थ विकल्प बनाने के लिए ज़रूरी ज्ञान और उपकरण प्रदान करती है.
अनचाहे गर्भधारण और यौन संचारित रोगों (एसटीआई) को रोकना: ज्ञान ही शक्ति है, और शरीर कैसे काम करता है और सेक्स में शामिल जोखिमों को समझने से युवाओं को सूचित निर्णय लेने का बल मिलता है.
स्वस्थ रिश्तों को बढ़ावा देना: सेक्स शिक्षा सिर्फ शरीर विज्ञान से आगे की बात है. ये सहमति, संवाद, सम्मान और स्वस्थ सीमाओं के बारे में सिखाती है – मजबूत, सार्थक रिश्तों के लिए ये सभी आवश्यक चीजें हैं.
आत्मसम्मान और शरीर के प्रति आत्मविश्वास बढ़ाना: अपने शरीर और कामुकता को समझने से युवा खुद की सराहना और सम्मान करना सीख सकते हैं. लेकिन हम इस बारे में बात कैसे करें?
सेक्स के बारे में बात करना मुश्किल लग सकता है, लेकिन ऐसा होना ज़रूरी नहीं है. यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:
शुरुआत जल्दी करें और उम्र के अनुसार जानकारी दें: शरीर, सीमाओं और सम्मान के बारे में बातचीत बचपन से ही शुरू हो सकती है. जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा हो, बातचीत को उसी हिसाब से बदलें.
खुले और ईमानदार रहें: सवालों का जवाब सच्चाई से और उस तरह से दें जिसे आपका बच्चा समझ सके.
संसाधनों का उपयोग करें: कई बेहतरीन किताबें, वेबसाइट और संगठन हैं जो उम्र के अनुसार सेक्स शिक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित हैं.
याद रखें, आप अकेले नहीं हैं!
कई माता-पिता और शिक्षक सेक्स शिक्षा को कैसे अपनाएं, इस बारे में अनिश्चित महसूस करते हैं. यहां आपकी मदद करने के लिए कुछ संसाधन दिए गए हैं:
राष्ट्रीय कामुकता शिक्षा मानक (ऑनलाइन खोजे जाने योग्य संसाधन)
स्कार्फ इंडिया (कामुकता शिक्षा संसाधन प्रदान करने वाला संगठन)
आइए चुप्पी तोड़ें और ज्ञान से सशक्त और स्वस्थ, खुशहाल रिश्तों के लिए तैयार एक पीढ़ी तैयार करें!
सेक्स_और_सम्भोग

सेक्स_और_सम्भोग
सेक्स को देखने का हर किसी का
अपना अपना एक अलग नज़रिया है ।
पर पहले मैं आपको बता दूँ…
सेक्स है क्या ?
सेक्स हमारे जीवन में होने वालीं एक आम प्रक्रिया है ।
जैसे हम भूख लगने पर खाना खाते हैं ।
प्यास लगने पर पानी पीते हैं ।
वैसे ही सेक्स की इच्छा होने पर सेक्स भी करते हैं ।
मानें या ना मानें
हमारे जीवन का एक बहुत ही अहम हिस्सा है ।
जहाँ सेक्स करते रहने से हम
डिप्रेशन/तनाव/अवसाद से
काफी हद तक निज़ात पाते हैं
वहीं सेक्स ना करने से
हम अन्दर से कुण्ठित हो कर भर जाते हैं,
फ्रस्ट्रेटेड हो जाते हैं ।
अब सेक्स कैसे करें और कैसे नहीं
यह अपने-अपने नज़रिये पर निर्भर करता है ।
सेक्स एक चरम सुख है
जो सम्भोग से बहुत भिन्न है ।
सेक्स सिर्फ़ एक मात्र दैहिक सुख है ।
जबकि सम्भोग अध्यात्मिक सुख ।
सेक्स :-।
ख़ुद को ख़ुश करने के लिए
एक स्त्री या पुरुष के साथ भोग करने को
सेक्स कहते हैं ।
इस में व्यक्ति स्वार्थी रहता
उसे सिर्फ़ ख़ुद के सुख से मतलब रहता है ।
और
सम्भोग :-
सम्भोग = सम+भोग
यानि समान रूप से भोगना ।
ये वो प्रक्रिया है
जिस में दो लोग देह से ही नहीं
अपितु भावनाओं के स्तर पर
तन मन और आत्माओं के साथ जुड़ते हैं ।
“सम्भोग प्रेम की वो समाधि हैं
जहाँ प्रेमी और प्रेमिका एक दूसरे में
परस्पर लीन हो जाते हैं ।”
जिसके फलस्वरूप
इस लीन अवस्था से उत्पत्ति होती हैं
जीवन चक्र प्रजनन की ।
ब्रह्मा की बनायी इस सृष्टि के विस्तार के लिए
प्रजनन का होना अति आवश्यक है ।
और
“सम्भोग ही प्रजननता का मूल है ।”
प्रेमी द्वारा छूयी गयी छुअन किया गया चुम्बन
मानो आत्मा को आनन्द के सागर में डुबो देता है ।
सम्भोग …भावनाओं के स्तर पर
जहाँ प्रेमी और प्रेमिका
आनन्द के सागर में डुबकी लगाते हैं
जिस में तन मन और आत्मा
आनन्द से तृप्त हो जाती हैं ।
एक दूसरे से भावनात्मक स्तर पर
सम्भोगरत होना
उनके प्रेम को निखारता है ।
“शब्दों में इस घटना या अवस्था को
लिख पाना सम्भव ही नहीं है ।”
ये वो एहसास हैं,
जो समुद्र की गहरायी से भी गहरा है,
जिसमें रोम-रोम समा जाता है….!!